नई दिल्ली । संकट में फंसी जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इलेक्ट्रिक वाहन फाइनेंसिंग के लिए कर्ज देने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की संस्था भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) ने कंपनी और इसके प्रवर्तकों के खिलाफ अनुबंध उल्लंघन का आरोप लगाते हुए आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में शिकायत दर्ज कराई है।
इरेडा ने कहा कि जेनसोल के प्रवर्तकों ने उनकी मंजूरी के बिना अपनी शेयरहोल्डिंग घटाई, जो सीधे तौर पर कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन है। इरेडा ने 24 अप्रैल को इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। कंपनी ने शेयर बाजार को जानकारी दी कि जेनसोल के हालिया घटनाक्रमों के मद्देनजर आंतरिक समीक्षा शुरू की गई है और आरबीआई के दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है। हालांकि, इरेडा ने स्पष्ट किया कि जेनसोल का कर्ज खाता अभी एनपीए घोषित नहीं हुआ है। इस मामले की बारीकी से जांच की जा रही है और समीक्षा के आधार पर आगे वसूली के कदम उठाए जाएंगे।
इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी जेनसोल इंजीनियरिंग और इसके प्रवर्तकों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत दिल्ली, गुरुग्राम और अहमदाबाद में कंपनी के परिसरों पर छापेमारी की गई और सह-प्रवर्तक पुनीत सिंह जग्गी को दिल्ली के एक होटल से हिरासत में लिया गया।
यहां बताते चलें कि कथित वित्तीय अनियमितताओं और धन के हेरफेर के आरोपों के चलते कंपनी के प्रवर्तक अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी जांच के घेरे में हैं। इस घटनाक्रम का असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिला। शुक्रवार को जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर 4.96 फीसदी गिरकर 91.05 रुपये पर बंद हुए, जो पिछले 52 हफ्तों का सबसे निचला स्तर है। वहीं, इरेडा के शेयर भी 4.40फीसद टूटकर 167.40 रुपये पर बंद हुए।