ताइपे (ताइवान) । चीन ने धराशायी हो चुकी रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रांडे के ऑडिट में संलिप्त रही लेखा कंपनी पीडब्ल्यूसी पर छह महीने का प्रतिबंध लगाने के साथ उस पर 40 करोड़ युआन (5.64 करोड़ डॉलर) से अधिक का जुर्माना भी लगाया है।
यह चीन में काम करने वाली किसी भी अंतरराष्ट्रीय लेखा कंपनी के खिलाफ अब तक की सबसे कड़ी कार्रवाई है।
इस निर्देश के मुताबिक, पीडब्ल्यूसी पर छह महीने तक चीन में किसी भी कंपनी के वित्तीय नतीजे पर हस्ताक्षर करने पर रोक लगी रहेगी। यह निर्देश अपने ग्राहकों को पहले से ही गंवा रही ऑडिट कंपनी के लिए तगड़ा झटका है।
चीन के वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि वह पीडब्ल्यूसी पर 11.6 करोड़ युआन (1.63 करोड़ डॉलर) का जुर्माना और उसके गैरकानूनी लाभ को जब्त करने के साथ छह महीने के लिए व्यापार से भी निलंबित कर रहा है। मंत्रालय ने पीडब्ल्यूसी की गुआंगझोउ शाखा को निरस्त करने के साथ एक प्रशासनिक चेतावनी भी जारी की है।
चीन के बाजार नियामक ने भी एवरग्रांडे के ऑडिट में समुचित कदम न उठा पाने के लिए पीडब्ल्यूसी पर कुल 32.5 करोड़ युआन (4.58 करोड़ डॉलर) का जुर्माना और जब्ती लगाई है। दुनिया की सबसे अधिक कर्जदार रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रांडे के जनवरी में धराशायी हो जाने के बाद इसका ऑडिट करने वाली फर्म पीडब्ल्यूसी के खिलाफ चीन की सरकार ने जांच शुरू कर दी थी।
चीन प्रतिभूति नियामकीय आयोग ने मार्च में कहा था कि एवरग्रांडे ने 2019 और 2020 में अपने राजस्व में लगभग 80 अरब डॉलर बढ़ाकर दिखाया था। मई में अधिकारियों ने कंपनी पर 57.7 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगा दिया था।
दुनिया की अग्रणी लेखा कंपनियों में शुमार पीडब्ल्यूसी ने 14 वर्षों के लिए एवरग्रांडे के खातों का ऑडिट किया था और इसे सेहतमंद बताया था। चीन रियल एस्टेट बाजार में लंबे समय से जारी सुस्ती के दौरान रियल एस्टेट कंपनियों के खिलाफ अत्यधिक उधार लेने पर नकेल कस रहा है।