वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ धाम में “राधा अष्टमी” पर्व पर माँ राधा रानी की विशिष्ट आराधना संपन्न हुई । धाम स्थित मंदिर प्रांगण में श्री बद्रीनारायण जी के मंदिर में राधा रानी की भगवान कृष्ण के साथ युगल छवि की अराधना की गयी। सनातन मत में मातृ शक्ति की ज्योति अथवा ज्वाला के स्वरूप में संकल्पना की जाती है। माँ राधा रानी की राधा ज्योति का आरती के पश्चात धाम में शोभायात्रा निकालकर उत्सव मनाया गया।
श्री राधा ज्योति को माँ गौरा पार्वती से भेंट के पश्चात श्री काशी विश्वनाथ महादेव के गर्भगृह में अनुष्ठान पूर्वक ले जा कर जन्मोत्सव के अवसर पर श्री विश्वेश्वर महादेव से साक्षात्कार भी कराया गयाI श्री जी की आराधना एवम श्री राधा ज्योति शोभायात्रा में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य प्रो ब्रज भूषण ओझा न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण अन्य अधिकारीगण एवं कार्मिकों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए। इसके उपरांत धाम स्थित मंदिर चौक में काव्यपाठ का आयोजन कर राधा रानी को काव्यांजलि के माध्यम से भाव अर्पित किए गए।
काव्य गोष्ठी में वाराणसी के विद्वान कवि सुश्री शाम्भवी चतुर्वेदी रजनीकांत त्रिपाठी संतोष कुमार ‘प्रीत’ गिरीश पांडेय आलोक सिंह श्रीमती कंचन लता चतुर्वेदी डॉ. शरद श्रीवास्तव सिद्धनाथ शर्मा सिद्ध आलोक द्विवेदी सूर्यप्रकाश मिश्र डॉ. अशोक सिंह द्वारा श्री जी राधा रानी को समर्पित कविताओं एवम गीतों के स–स्वर पाठ किया गया । राधाष्टमी के सांस्कृतिक कार्यक्रम में धाम स्थित मंदिर चौक में नृत्य की भी प्रस्तुति भी हुई ।