नई दिल्ली । भारत के शिक्षण संस्थानों के दीक्षांत समारोह में अब काला गाउन और टोपी नहीं चलेगी? केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्रीय अस्पतालों को कहा कि दीक्षांत समारोह में काले गाउन और टोपी की जगह भारतीय कपड़े पहनें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा केंद्रीय अस्पतालों के प्रमुखों को एक लेटर भेजकर यह निर्देश दिया गया है। पत्र में लिखा है कि वे दीक्षांत समारोह में इस्तेमाल होने वाले काले गाउन और टोपी के औपनिवेशिक ड्रेस कोड को भारतीय पोशाक में बदल दें।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि दीक्षांत समारोह के लिए ड्रेस कोड उस भारतीय राज्य के वेशभूषा और परंपराओं के आधार पर होना चाहिए, जहां संस्थान स्थित है। वर्तमान में मंत्रालय के विभिन्न संस्थानों द्वारा दीक्षांत समारोह के दौरान काले गाउन और टोपी का इस्तेमाल हो रहा है। इस ड्रेस का चलन मध्य युग में यूरोप में शुरू किया गया था। यह परंपरा एक औपनिवेशिक विरासत है जिसे बदलने की जरूरत है। मंत्रालय ने यह फैसला लिया है कि एम्स और आईएनआईएस सहित मंत्रालय के विभिन्न संस्थान, जहां भी मेडिकल की पढ़ाई होती है, अपने संस्थान के दीक्षांत समारोह के लिए उपयुक्त भारतीय ड्रेस कोड तैयार करे, जो राज्य की स्थानीय परंपराओं पर आधारित होगा। यह प्रस्ताव मंत्रालय के अपने संबंधित डिवीजन के माध्यम से सचिव (स्वास्थ्य) के विचार और अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाना चाहिए। यह सक्षम प्राधिकारी के अप्रूवल के साथ जारी किया गया है।
आईआईआईटी-हैदराबाद के छात्र साल 2011 से दीक्षांत समारोह में पारंपरिक पोशाक पहनते आ रहे हैं। इस कारण अक्सर आईआईआईटी हैदराबाद के दीक्षांत समारोह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरती हैं.