मथुरा। बच्चों में क्षय रोग (पीडियाट्रिक टीबी) के त्वरित निदान और प्रभावी उपचार को लेकर मथुरा में एक संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर, साथी संस्था, जिला क्षय रोग केंद्र तथा इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्यकर्मियों और चिकित्सकों को बच्चों में टीबी की जांच एवं उपचार से जुड़ी नवीनतम तकनीकों से अवगत कराना था। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों ने टीबी के खिलाफ साझा प्रयासों की प्रतिबद्धता दोहराई और बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में ठोस पहल का संकल्प लिया।
उप जिला क्षय रोग अधिकारी डा. सत्य प्रकाश राठौर ने कहा कि बच्चों में टीबी का शीघ्र निदान आवश्यक है क्योंकि इनके लक्षण वयस्कों की अपेक्षा भिन्न और कम स्पष्ट होते हैं। जनपद में जांच की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं जो टीबी की पहचान में क्रांतिकारी साबित हो रही हैं। डा. राठौर ने यह भी स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 2025 तक मथुरा को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित है। इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक एसो.अध्यक्ष डा. विपुल गोयल ने सामुदायिक जागरूकता पर बल दिया।
–कार्यशाला में उपस्थित विशेषज्ञों ने क्षय रोग के उन्मूलन के लिए सामुदायिक जागरूकता अभियान को तेज करने और स्वास्थ्यकर्मियों के प्रशिक्षण को नियमित करने पर बल दिया। वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर के प्रतिनिधियों ने भी ग्रामीण व शहरी स्वास्थ्य केंद्रों को जांच एवं उपचार सुविधाओं से सुसज्जित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
-उपचार सुविधाएं: जिला क्षय रोग केंद्र द्वारा बच्चों के लिए मुफ्त दवाएं और विशेषज्ञ परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
प्रमुख प्रतिभागी विशेषज्ञ
इस कार्यशाला में डा. एन सी प्रजापति डा. बी पी माहेश्वरी डा. विपुल गोयल (अध्यक्ष-आईएपी) डा. योगेश अग्रवाल डा. अमन कुमार डा. एस पी शर्मा डा. रीता गोयल डा. केके अग्रवाल, डा. योगेश अग्रवाल डा. शिल्पा गोयल, डा. पीके गुप्ता,डा.मनोज सिंह वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर से सौरभ भदौरिया प्रतिमा और अनामी यादव सहित जिला क्षय रोग केंद्र मथुरा के शिव कुमार आलोक तिवारी अखिलेश दीक्षित आजम खान आदि विशेषज्ञों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।