नई दिल्ली । लोकसभा – राज्यसभा में सोमवार को विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। इससे पहले सुबह में भी कार्यवाही शुरू होने पर अडानी समूह में अनियमितताओं की जांच, मणिपुर और उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा तथा बंगलादेश में हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाओं पर चर्चा करने की मांग को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही 12:00 बजे तक स्थगित करनी पड़ी ।
राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने स्थगन के बाद प्रश्नकाल शुरू करने की कोशिश की लेकिन विपक्षी सदस्याओं की टोकाटाकी ओर एक साथ बोलने के कारण सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। श्री धनखड़ ने सदन को बताया कि उन्हें नियम 267 के अंतर्गत 20 नोटिस मिले हैं। ये नोटिस अडानी समूह में अनियमितताओं की जांच, मणिपुर और उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा, बंगलादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और इस्काॅन पुजारी की गिरफ्तारी, राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह के मामले और दिल्ली में कथित बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति तथा केरल में वायनाड को विशेष पैकेज देने की मांग को लेकर हैं। सभापति ने कहा कि नियम 267 विशेष उद्देश्यों के लिए है और ये नोटिस निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप नहीं होने के कारण अस्वीकार किये जा रहे हैं। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने जोर-जोर से बोलना शुरू कर दिया। कुछ सदस्य अपनी सीटों से आगे आ गए और शोर शराबा करने लगे। श्री धनखड़ ने सदस्यों से शांत होने की अपील की और कहा कि जनहित में संसद का चलना आवश्यक है। लेकिन इस अपील का शोर शराबा कर रहे सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ तो उन्होंने सदन की कार्यवाही 12:00 बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी।
लोकसभा में पहले आज पूर्वाह्न 11 बजे सदन के समवेत होने पर पर अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा की और तेलुगू देशम पार्टी के लक्ष्मीनारायण वाल्मीकि को प्रश्न पूछने के लिये पुकारा, लेकिन इसी बीच विपक्षी सदस्य अडानी मामले में चर्चा की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। भारी हंगामे के बीच कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने जवाब देना शुरू किया, लेकिन हंगामा और बढ़ गया।