वाशिंगटन । पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर अमेरिका के नियंत्रण को लेकर कड़ी चेतावनी जारी की है। उन्होंने तालिबान सरकार को धमकी देते हुए कहा है कि अगर उन्होंने तुरंत इस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एयरबेस को अमेरिका को वापस नहीं किया, तो उन्हें इसके “बुरे परिणाम” भुगतने पड़ेंगे।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, “अगर अफगानिस्तान ने बगराम एयरबेस को संयुक्त राज्य अमेरिका को नहीं लौटाया, तो उसे बुरे परिणाम भुगतने होंगे।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका इस एयरबेस को वापस लेना चाहता है और इस संबंध में बातचीत चल रही है। ट्रंप ने अपनी बात को और मजबूत करते हुए कहा, “हम अभी अफगानिस्तान से बात कर रहे हैं और हम उसे वापस चाहते हैं और जल्द से जल्द वापस चाहते हैं।”
ट्रंप, जो अक्सर बाइडेन प्रशासन की अफगानिस्तान से सेना की वापसी की नीति की आलोचना करते रहे हैं, ने इस कदम को एक “आपदा” करार दिया था। उनका मानना है कि अमेरिका ने यह महत्वपूर्ण सैन्य अड्डा “मुफ्त में” तालिबान को सौंप दिया। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, “अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस को इसे बनाने वाले, यानी अमेरिका को वापस नहीं करता है, तो बुरी बात होगी।” उनका यह बयान यह दर्शाता है कि वह इस पूरे क्षेत्र पर अमेरिकी प्रभाव को फिर से स्थापित करने के लिए बगराम पर नियंत्रण को अत्यंत आवश्यक मानते हैं।
बगराम एयरबेस सिर्फ एक सैन्य अड्डा नहीं है, बल्कि यह एक रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण ठिकाना है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस एयरबेस के रनवे कई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों से भी लंबे हैं और इसमें मजबूत आश्रय स्थल, अस्पताल और ईंधन डिपो जैसी सुविधाएं हैं। 20 साल तक अमेरिकी सैनिकों के लिए यह एक प्रमुख केंद्र था, जिसमें फास्ट-फूड रेस्तरां से लेकर दुकानें और एक विशाल जेल तक मौजूद थी।
ईरान, पाकिस्तान, चीन के शिनजियांग प्रांत और मध्य एशिया के बीच स्थित बगराम की भौगोलिक स्थिति इसे बेहद खास बनाती है। इस क्षेत्र पर नियंत्रण से अमेरिका रूस और चीन की सैन्य गतिविधियों के साथ-साथ उनके महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर भी निगरानी रख सकता है, जो अमेरिकी हितों के लिए महत्वपूर्ण है। जुलाई 2021 में अमेरिकी सेना द्वारा इस अड्डे को खाली करने को अफगानिस्तान में अमेरिका की दो दशकों की सैन्य मौजूदगी के अंत के रूप में देखा गया था, और अब ट्रंप इसे वापस लेने पर जोर दे रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी इस धमकी का तालिबान सरकार पर क्या असर होता है।