भगवान राम को हिंदू धर्म में सभी मानते हैं। साथ ही सभी ने रामायण भी पढ़ी और देखी होगी जिसमें भगवान राम और उनके जीवन से जुड़ी हर कथा को पेश किया गया है। भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। जिसके बाद वह विवाह करने के बाद अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास बिताने वन चले जाते हैं।
माना जाता है कि 14 वर्ष का वनवास काटने के बाद श्रीराम अयोध्या आए लेकिन लोगों की अपनी अलग-अलग मान्यता है। बुंदेलखंड का एक बेहद खुबसूरत स्थान है जिसका नाम ओरछा है। इस स्थान में केवल श्रीराम को ही माना जाता है और उनकी पूजा की जाती है। इतना ही नहीं ओरछा में भगवान राम को राजा राम नहीं बल्कि राम राजा कहा जाता है। ओरछा के सभी लोग श्रीराम को अपने काफी करीब मानते हैं।
बताया जाता है कि ओरछा में भगवान राम के मंदिर बने हुए हैं तो यहां के निवासी मंदिरों में भी भगवान राम की राजा के रूप में पूजा अर्चना करते हैं। माना जाता है कि राजा मधुकर को भगवान राम ने स्वप्न में दर्शन दिए और अपना एक मंदिर बनवाने को कहा। ओरछा स्थल में श्रीराम को मंदिरों की ज्योति रूप में अयोध्या भेजा जाता है। वहां की मान्यता है कि श्रीराम दिन के समय में ओरछा में रहते हैं। जिसके बाद श्रीराम को हनुमान जी रात को अयोध्या ले जाते हैं।
इसी धारणा के साथ ओरछा में श्रीराम को वापस अयोध्या भेजने के लिए अंतिम आरती की जाती है। ओरछा में काफी शांति है इसलिए मन शांत करने के लिए इससे ओरछा में कई ऐतिहासिक धरोहर भी है साथ ही यहां कई किले भी हैं जो अलग-अलग कहानी बयां करते हैं। ओरछा के कण-कण में भक्ति और प्यार बसा हुआ है। धार्मिक स्थलों के साथ ही यहां सच्चे प्रेम की गवाही देते कई किले और महल हैं। ओरछा इतनी सुंदर जगह है कि, वह सौंदर्य अपना मन मोह लेगा। इतना ही नहीं, ओरछा में दूर-दराज की पहाड़ियों पर आज भी मजबूती से खड़े मंदिर और किले कई आक्रमणों की कहानियां भी बयां करते हैं।
ओरछा में काफी चीजें आकर्षण के केंद्र हैं जिसमें राजाराम मंदिर, जहांगीर महल, राज महल, लक्ष्मीनारायण मंदिर, फूलबाग, चतुर्भुज मंदिर, सुंदर महल लोकप्रिय है।