मथुरा। वाइल्ड लाइफ एसओएस हाथी संरक्षण केंद्र में रहने वाले दो प्यारे हाथियों, लक्ष्मी और चंचल ने अपनी 11वीं और 12वीं रेस्क्यूवर्सरी मनाई। इनकी प्रेरणादायक कहानियाँ भारत में हाथियों के कल्याण और संरक्षण की प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं।
18 साल की उम्र में मिठाई और तले हुए खाद्य पदार्थों के अस्वास्थ्यकर आहार के कारण लक्ष्मी गंभीर ‘ऑस्टियोआर्थराइटिस’ से पीड़ित हो गई जिससे उसका तेज़ी और अप्राकृतिक ढंग से वजन बढ़ गया । वाइल्डलाइफ एसओएस में रेस्क्यू होकर आने की बाद प्राथमिक रूप से किसी भी प्रकार की हृदय रोग को रोकने और उनके अंगों पर तनाव को कम करने के लिए टीम लक्ष्मी का वज़न कम करने को प्रयासरत हो गयी।
पिछले कुछ वर्षों में लक्ष्मी का परिवर्तन उल्लेखनीय रहा है। अपने खुशमिजाज़ व्यक्तित्व के लिए जानी जाने वाली लक्ष्मी, अपने चारे फल और सब्ज़ियों से भरे भोजन का पूरा आनंद लेती है और अपने साथियों, बिजली और चंचल के साथ लंबी सैर का आनंद लेती है। इस साहचर्य ने उसके मनोवैज्ञानिक उपचार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
लक्ष्मी अपने नटखट स्वभाव की वजह से अक्सर सैर के दौरान भटक जाती है, और अपने केयरटेकर के लुभाने पर ही लौटती है ! अपने एनरिच्मेंट की गांठों को खोलना सीख चुकी लक्ष्मी जो उसके भोजन को लटकाए रखते हैं अब बेहद आसानी से अपने खाने तक पहुँच जाती है।
चंचल का एक दुर्घटना में उसका पिछला बायां जोड़ हमेशा के लिए खराब हो गया था और उसका शरीर घावों से भर गया था किसी चमत्कार से कम नहीं है। इन चुनौतियों के बावजूद उनका हौसला बरकरार रहा। शुरुआत में शर्मीली और डरी-सहमी रहने वाली चंचल धीरे-धीरे वाइल्डलाइफ एसओएस में अपने नए परिवेश और केयरटेकर के साथ सहज हो गई। चंचल पानी की बेहद शौकीन है और वह अपनी मित्र बिजली के साथ हाइड्रोथेरेपी का पूरा आनंद लेती है जब चंचल अपनी सहेली ‘बिजली’ को दिए जा रही ट्रीट्स को फटाफट लेकर खाने दौड़ पड़ती है लगती है ऐसी चंचलता उसके नए जीवन में उपचार और आराम का संकेत देती है।
वाइल्ड लाइफ एसओएस की पशु चिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक डॉ. इलियाराजा ने बताया लक्ष्मी और चंचल दोनों बेहद खराब स्थिति में वाइल्डलाइफ एसओएस पहुंचे थे और उन्हें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता थी। पिछले कुछ वर्षों में, हमारे केयरटेकर और पशु चिकित्सकों ने इन हाथियों को सर्वोत्तम संभव देखभाल प्रदान की है।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा लक्ष्मी और चंचल की कहानियाँ हाथियों के भिन्न व्यक्तित्वों और करुणा को प्रदर्शित करती हैं। उनकी रेस्क्यूवर्सरी हमें भारत में हाथियों की सुरक्षा और संरक्षण के हमारे मिशन के महत्व को दर्शाती हैं।
वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव गीता शेषमणि ने कहा लक्ष्मी और चंचल को खुश एवं अपने व्यक्तित्वों का प्रदर्शन करते हुए देखना मुझे बहुत खुशी देता है और हाथियों के कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। हाथियों के शोषण और दुर्व्यवहार से निपटने में हमारे प्रयासों को जारी रखने के लिए लक्ष्मी एवं चंचल हमें हमेशा प्रेरित करते हैं।