लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राजधानी लखनऊ व वाराणसी में डीआरडीओ के कोविड अस्पताल का निर्माण शीघ्र पूरा होगा। सभी अधिकारी काम को जल्द पूरा कराने में लगें। लखनऊ में मुख्यमंत्री के सरकारी आवास से अपने सरकारी आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से टीम 11 के साथ समीक्षा में उन्होंने कहा कि, “डीआरडीओ के सहयोग से लखनऊ और वाराणसी में कोविड अस्पताल की स्थापना की कार्यवाही पूर्ण होने वाली है। सभी आवश्यक तथा आधुनिक चिकित्सकीय सुविधाओं से युक्त इन दोनों अस्पतालों के क्रियाशील होने से प्रदेश के चिकित्सा संसाधन और सु²ढ़ होंगे। स्वास्थ्य विभाग इन दोनों कोविड अस्पताल के सहज संचालन के लिए आवश्यक प्रशिक्षित मानव संसाधन आदि के संबंध में व्यवस्था कर लें। ”
मुख्यमंत्री ने कहा कि, “सभी अस्पतालों में आमजन को बेड की उपलब्धता की समुचित जानकारी उपलब्ध कराई जाए। प्रदेश में ऐसे सभी हॉस्पिटल जहां कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज हो रहा है, प्रत्येक दिन में दो बार अस्पताल में रिक्त बेड का विवरण सार्वजनिक करें। यह विवरण जिले के इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के पोर्टल पर भी अपलोड कराया जाए। बेड का आवंटन पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाना चाहिए। सभी जिला प्रशासन इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू कराएं। स्वास्थ्य मंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री प्रदेश के सभी जिलों इस स्थिति की आज विस्तृत समीक्षा करें।”
उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर तथा अन्य जीवन रक्षक दवाओं का वितरण पारदर्शी रूप से किया जाए। कैडिला कम्पनी से 18,000 वॉयल रेमडेसिविर और प्राप्त हो गया है। हर दिन इसकी आपूर्ति बढ़ती जा रही है। मांग के अनुसार संबंधित कंपनियों को और डिमांड भेजी जाए। आपूर्ति के साथ-साथ इसकी वितरण व्यवस्था को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है। सभी जरूरतमन्दों को यह सुविधाएं समान रूप से उपलब्ध कराई जाएं।
“ऑक्सीजन का पारदर्शिता के साथ सुचारू वितरण कराया जाए, प्रदेश में ऑक्सीजन की सुचारु उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। बोकारो से भारतीय रेल की विशेष ‘ऑक्सीजन रेल’ उत्तर प्रदेश पहुंच चुकी है। मोदीनगर, काशीपुर, पानीपत और रुड़की प्लांट से भी प्रदेश को ऑक्सीजन आपूर्ति हो रही है। इस ऑक्सीजन का पारदर्शिता के साथ सुचारू वितरण कराया जाए।”
“बहराइच, फिरोजाबाद आदि छोटे जिलों को उनके मंडल मुख्यालयों से ऑक्सीजन आवंटित कराया जाए। गोरखपुर, बरेली सहित विभिन्न जिलों में टैंकरों से ऑक्सीजन भेजा जा रहा है। इन टैंकरों की जीपीएस मॉनिटरिंग और पर्याप्त सुरक्षा बल मुहैया कराया जाए। प्रदेश में किसी भी मरीज को ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी जाएगी। समस्त जनपदों के सभी छोटे-बड़े अस्पतालों पर शासन स्तर से सीधी नजर रखी जाए।”
“ऑक्सीजन उत्पादन अथवा रिफिल करने वाली प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों को सीधे अस्पतालों से जोड़कर ऑक्सीजन आपूर्ति व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। भारतीय वायुसेना भी विविध केंद्रों से ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित कराने में सहयोग कर रही है। मांग और आपूर्ति की स्थिति की 24़7 मॉनिटरिंग की जाए। वितरण व्यवस्था पारदर्शी हो, यह सुनिश्चित करें।”