मथुरा। मथुरा पंचकोसीय परिक्रमा के अंतर्गत अब परिक्रमार्थियों को आगरा-दिल्ली रेलवे लाइन से नहीं गुजरना होगा। रेलवे शिवताल और पोतराकुंड के निकट दो अंडर पास बनाएगा। इसके लिए गुरुवार को उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ये निर्णय लिया गया ।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद मथुरा की पंचकोसीय परिक्रमा का सौंदर्यीकरण करने जा रहा है। इस कार्य में पोतराकुंड और शिवताल के निकट रेलवे लाइन सुगमता पूर्ण परिक्रमा में बड़ी समस्या है। इसमें इन दोनों स्थानों पर रेलवे लाइन पर अंदर पास होने चाहिए। पोतराकुंड के लिए भूतेश्वर रेलवे स्टेशन के निकट अंडर पास प्रस्तावित है। अब शिवताल के निकट नया अंडर पास बनना चाहिए। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान से गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने मौजूदा पुलिया की जानकारी दी। इस पर उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने सीइओ श्याम बहादुर सिंह के नेतृत्व में स्थलीय निरीक्षण के निर्देश दिए।
बैठक के उपरांत स्थलीय निरीक्षण को पहुंचे तकनीकी दल ने शिवताल के निकट रेलवे पुलिया को देखा, जिसमे कीचड़ और पानी भरा हुआ था। रेलवे अधिकारियों ने निकट ही बीएसए कालेज के सामने नया अंडर पास बनाए जाने का प्रस्ताव दिया जो परिक्रमा मार्ग का हिस्सा बना रहेगा। इसके बाद अधिकारियों ने भूतेश्वर रेलवे स्टेशन के निकट प्रस्तावित अंडर पास स्थल को देखा। इस अंडर पास को आम रास्ते से जोड़ने के लिए सड़क निर्माण के निर्देश सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता प्रशांत गौतम को दिए।
निरीक्षण दौरान गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी, सांसद प्रतिनिधि जनार्दन शर्मा सहित रेलवे, नगर निगम और विकास प्राधिकरण के अधिकारी मौजूद रहे।
मथुरा पंचकोसीय और तीन वन परिक्रमा गुजरती है रेलवे लाइन से
मथुरा की पंचकोसीय और तीन वन परिक्रमा मथुरा शहरी क्षेत्र ने दिल्ली आगरा रेलवे लाइन के ऊपर से गुजरती है। यह स्थिति बेहद गंभीर है। अक्षय नवमी पर यहां घटना भी हो चुकी है। हालांकि नगर निगम ने रेलवे प्रशासन की मदद से बंद पुलिया को सुचारू भी किया है लेकिन इस पुलिया के नीचे पानी और कीचड़ हमेशा रहती है। इससे निपटने के लिए नए अंडर पास का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने रेलवे को दिया था।