लखनऊ । विद्युत उपभोक्ताओं को बिलिंग संबंधी समस्याओं से मुक्ति दिलाने के लिए ऊर्जा विभाग ने ट्रस्ट बिलिंग की पहल की है। इस व्यवस्था के तहत उपभोक्ता घर बैठे ही अपना स्वयं का बिल तैयार कर, समय रहते जमा कर सकेंगे। सेल्फ बिल जेनरेशन की यह प्रक्रिया से समय से बिल न मिलने, गलत रीडिंग और गलत बिलिंग जैसी समस्याओं का समाधान करेगी। रविवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने जल निगम के फ ील्ड हॉस्टल में ट्रस्ट बिलिंग की शुरुआत के साथ ही कंज्यूमर ऐप को भी लॉन्च किया। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि प्रदेश के 3.28 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं को सहज एवं सरल ढंग से सुविधाएं मुहैया कराने की कड़ी में ट्रस्ट बिलिंग व्यवस्था की शुरुआत की जा रही है। इस प्रक्रिया को अपनाकर उपभोक्ता घर बैठे अपना स्वयं का बिल बना सकते हैं। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट बिलिंग की सुविधा घरेलू और वाणिज्यिक श्रेणी के नौ किलोवाट भार तक के उपभोक्ता को मिलेगी। शर्मा ने स्पष्ट किया कि विभागीय वेबसाइट या कंज्यूमर ऐप पर माह में मात्र एक बार ही मीटर रीडिंग दर्ज की जा सकेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराई जा रही इस सुविधा का प्रचार-प्रसार किया करें। इस मौके पर यूपीपीसीएल के अध्यक्ष डा. अशीष कुमार गोयल भी उपस्थित थे। उपभोक्ताओं को घर बैठे इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए यूपीपीसीएल की वेबसाइट पर लागिंग करना होगा और वेबसाइट के कंज्यूमर कार्नर में जाकर सेल्फ बिल जनरेशन लागिंग कर रजिस्टर्ड करना होगा। यहां अपने विद्युत कनेक्शन के खाता संबंधी विवरण को दर्ज कर वर्तमान मीटर रीडिंग के साथ पिछले महीने की डिमांड रीडिंग को भी दर्ज करना होगा। अन्य विकल्प के रूप में यूपीपीसीएल के मोबाईल कंज्यूमर ऐप को एपल एप स्टोर अथवा गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर लागिन करने का भी विकल्प दिया गया है। किसी भी विकल्प की प्रक्रिया पूरी करने के 24 से 48 घंटे में उपभोक्ता का बिल जारी हो जाएगा। उपभोक्ताओं के रजिस्टर्ड ई-मेल या उनके मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से बिल की पूरी जानकारी मिल जाएगी। इसके अलावा यूपी पावर कारपोरेशन की वेबसाइट या एप पर लागिन कर बिल डाउनलोड भी किया जा सकेगा। उपभोक्ता द्वारा मीटर रीडिंग देने के 48 घंटे बाद भी बिल जारी न होने पर उपभोक्ता संबंधित एसडीओ व अधिशासी अभियंता से संपर्क कर सकते हैं। यूपीपीसीएल के हेल्पलाइन नंबर 1912 पर भी इसकी शिकायत की जा सकती है। ट्रस्ट बिलिंग की वास्तविकता की जांच के लिए विभाग द्वारा कभी-कभी उपभोक्ता के परिसर में जाकर मीटर की सही रीडिंग की जांच की जाएगी। इस दौरान उपभोक्ता द्वारा पोर्टल पर स्वयं दर्ज कराए गई मीटर रीडिंग और वास्तविक मीटर रीडिंग में गैप पाए जाने पर बिल का डेढ़ गुणा अतिरिक्त एनर्जी चार्ज वसूल किया जाएगा।