आपने तो बचपन मे ये सवाल तो सुना ही होगा कि ‘तो बताओ बेटा बड़े होकर क्या बनना है?’ लेकिन उस वक्त तो बच्चे को ये भी पता नहीं होता कि अपना Career Kaise Chune? बचपन के इस सवाल का शायद आपने जवाब भी दिया हो। ये सवाल कभी माता-पिता या अभिभावक, कभी पड़ोसी या रिश्तेदार तो कभी स्कूल के शिक्षक पूछते थे।
कैरियर किसी भी व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह किसी भी इंसान की जीवनशैली का नेतृत्व करता है जिससे समाज में उसकी स्थिति निर्धारित होती है। जहाँ हर कोई एक अच्छी जीवन के सपने देखता है वहीँ हर कोई मजबूत कैरियर बनाने में सक्षम नहीं होता जो अच्छी जीवन शैली को सुनिश्चित करता है। कैरियर आमतौर पर किसी व्यक्ति के जीवन के पेशेवर पहलू से जुड़ा होता है। कैरियर का चयन करना एक बड़ा निर्णय है और विडंबना यह है कि जब हमें ऐसे निर्णय लेने की आवश्यकता होती है तो हम इस तरह के बड़े निर्णय लेने के लिए तैयार नहीं होते। हम अभी हमारे स्कूली जीवन में हैं जहाँ हमें विज्ञान, वाणिज्य और मानविकी स्ट्रीम के बीच चयन करना पड़ता है जो मुख्य रूप से हमारे बाद के कैरियर के रास्ते को प्रभावित करता है।
सबकी ज़िन्दगी का सबसे हसीन पल होता है आपका बचपन। न किसी बात की चिंता न कोई फ़िक्र न वर्तमान की चिंता और न ही भविष्य की। लेकिन एक समय बाद ऐसा क्षण आता है जब हम सबको जिम्मेदारी का अहसास होता है, भविष्य की चिंता होती है। अपना करियर बनाने की होड़ होती है। जब इस समय में कुछ समझ नहीं आता तो मन में आता है कि काश कोई होता जो हमारा कैरियर मार्गदर्शन कर सकता। हमको बता सकता कि करियर का चुनाव कैसे करे,अच्छा करियर कैसे बनाये। सब जानते हैं कि एक गलत कदम किसी का भी कैरियर बेकार कर सकता है और वहीं सोच समझ के उठाया गया कदम किसी की भी जिंदगी बदल सकता है।
हर कोई अलग-अगल समय पर कैरियर विकल्प के बारे में सोचता है। कैरियर का मतलब होता है जिस काम को करने में आपका मन लगे। साथ ही जिस काम से कभी आपका मन न उस काम में कैरियर बनाया जाएं तो बात ही कुछ और हो जाएगी।
लेखक डा.कुलदीप सारस्वत मनोविज्ञान/मोटिवेशनल लेखक