नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत ब्याज दर या रेपो रेट में पांच साल बाद कटौती का फैसला लिया है। एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक के बाद रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की गई है। केंद्रीय बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट को 6.5% से घटाकर 6.25% करने का एलान किया। बाजार के विशेषज्ञों के अनुमानों के अनुरुप इस बार रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती कर 6.25 प्रतिशत कर दिया गया है।
इससे पहले, फरवरी 2023 से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया था। इससे पहले 2020 में कोविड महामारी के दौरान ब्याज दरों में कटौती की गई थी, लेकिन इसके बाद धीरे धीरे कर ब्याज दरों को 6.5 प्रतिशत बढ़ा दिया गया। रेपो रेट में कटौती की घोषणा के बाद आम आदमी को होम लोन, वाहन, पसर्नल लोन की ईएमआई में राहत मिल सकती है। सस्ते कर्ज से लोगों पर से ईएमआई का बोझ कम हो सकता है।
यदि किसी व्यक्ति ने 50 लाख रुपये का लोन 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर से 20 साल के लिए लिया है तो आरबीआई की ओर से 0.25 प्रतिशत की कटौती की घोषणा के बाद उसकी ईएमआई कम हो जाएगी। पुराने ब्याज दर 8.5 प्रतिशत पर उक्त व्यक्ति को 43,391 रुपये की ईएमआई देनी पड़ती है, और ब्याज दरों पर कटौती के बाद नई ब्याज 8.25 प्रतिशत हो जाएगी जिससे उसकी ईएमआई घटकर 42,603 रुपये हो जाएगी। ऐसे में उसे एक महीने में 788 रुपये की बचत होगी। सालाना आधार यह बचत करीब 9,456 रुपये की होगी। यदि कार लोन की बात करें तो यदि किसी व्यक्ति ने 5 लाख रुपये का कार लोन 12 प्रतिशत की ब्याज दर पर लिया है तो उसे वर्तमान में 11,282 रुपये की ईएमआई देनी पड़ रही है। अब रेपो रेट में कटौती के बाद अगर बैंक ब्याज दरों को 0.25% तक घटाते हैं तो कार लोन की नई ईएमआई 11,149 रुपये होगी। इससे ग्राहक को 133 रुपये महीने में और 1,596 रुपये साल में बचेंगे।