नई दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आम बजट 2025-26 पेश किया। बजट भाषण की शुरुआत करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट आम आदमी की खर्च करने की क्षमता बढ़ाने वाला होगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि बजट का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर को बढ़ाना, समावेशी विकास सुनिश्चित करते हुए निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ाना, घरेलू भावना को ऊपर उठाना और बढ़ते हुए मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाना है।
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट 2025 में गरीब, युवा, अन्नदाता और महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए 10 व्यापक क्षेत्रों को शामिल किया हैं। कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात विकास के इंजन हैं।”
बजट में वित्त मंत्री द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे किसानों को सस्ता लोन पाने में मदद मिलेगी। इससे पहले वित्त मंत्री द्वारा द्वारा शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया गया। सर्वेक्षण में बताया गया कि वित्त वर्ष 2025-26 में वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत की जीडीपी 6.3-6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, महंगाई नियंत्रण में है। वित्त वर्ष 25 के अप्रैल- दिसंबर की अवधि में औसत महंगाई कम होकर 4.9 हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 24 में 5.4 प्रतिशत थी। सर्वेक्षण में कहा गया कि महंगाई को स्थिर करने में सरकार के सक्रिय नीतिगत हस्तक्षेप महत्वपूर्ण रहे हैं। इन उपायों में आवश्यक खाद्य पदार्थों के लिए बफर स्टॉक को मजबूत करना, समय-समय पर खुले बाजार में सामान जारी करना और आपूर्ति की कमी के दौरान आयात को आसान बनाने के प्रयास शामिल हैं। चुनौतियों के बावजूद भारत में महंगाई प्रबंधन के लिए सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का अनुमान है कि भारत की खुदरा महंगाई धीरे-धीरे वित्त वर्ष 2026 में लगभग 4 प्रतिशत के लक्ष्य के अनुरूप हो जाएगी।
12 लाख रुपये तक की आमदनी पर अब आयकर नहीं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई कर व्यवस्था में कर छूट के साथ आयकर स्लैब में बदलावों की घोषणा की। वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए उन्होंने 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को पूरी तरह से कर मुक्त किए जाने की घोषणा की। इससे 80 हजार रुपये की बचत होगी। वहीं 18 लाख रुपये सालाना आय पर 70 हजार रुपये की बचत होगी। इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स कटौती की लिमिट को बढ़ाकर सीधे दोगुनी करने का एलान किया है। इसके बाद इनके लिए टैक्स छूट की लिमिट 1 लाख रुपये कर दी जाएगी, जो पहले 50,000 रुपये था।
नई कर व्यवस्था के तहत संशोधित स्लैब इस प्रकार है:
आयकर स्लैब कर दर
4,00,000 रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं
4,00,001 से 8,00,000 रुपये 5%
8,00,001 से 12,00,000 रुपये 10%
12,00,001 से 16,00,000 रुपये 15%
16,00,001 से 20,00,000 रुपये 20%
20,00,001 से 24,00,000 रुपये 25%
24,00,001 से अधिक आय पर 30%
नई व्यवस्था के तहत पुराना कर स्लैब-
आयकर स्लैब कर दर
3,00,000 रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं
3,00,001 से 6,00,000 रुपये 5%
6,00,001 से 9,00,000 रुपये 10%
9,00,001 से 12,00,000 रुपये 15%
12,00,001 से 15,00,000 रुपये 20%
15,00,001 रुपये से अधिक आय पर 30%
अगले सप्ताह संसद में नया आयकर विधेयक पेश करेगी सरकार
सरकार ‘पहले विश्वास करो, बाद में जांच करो’ की अवधारणा को आगे बढ़ाने के लिए अगले सप्ताह संसद में नया आयकर विधेयक पेश करेगी। उम्मीद है कि इस विधेयक से वर्तमान आयकर (आई-टी) कानून सरल हो जाएगा तथा इसे समझना आसान हो जाएगा। आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा के लिए सीतारमण द्वारा बजट घोषणा के अनुसरण में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने समीक्षा की देखरेख करने और अधिनियम को संक्षिप्त, स्पष्ट व समझने में आसान बनाने के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया था। इससे विवाद, मुकदमेबाजी कम होगी और करदाताओं को अधिक कर निश्चितता मिलेगी। इसके अलावा, आयकर अधिनियम के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा के लिए 22 विशेष उप-समितियां स्थापित की गई हैं।