प्रयागराज महाकुंभ में 29 जनवरी को माघी मौनी अमावस्या के महापर्व पर सबसे बड़ा व विशेष फलदायक शाही अमृत स्नान होगा। यह विचार ज्योतिषाचार्य पंडित कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने दीपक ज्योतिष भागवत संस्थान द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी में व्यक्त करते हुए कहा कि मौनी अमावस्या पर सूर्य, चन्द्र,बुध ग्रह एक साथ होने के कारण माघी मौनी अमावस्या पर त्रिवेणी कुंभ में शाही अमृत स्नान,दान, धर्म अनुष्ठान,हवन पूजन का और भी अधिक महत्व बढ़ गया है उन्होंने कहा कि धर्मग्रंथों के अनुसार देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि पर रहते हैं तथा सूर्य और चंद्रमा अमावस्या तिथि को मकर राशि पर रहते हैं तो त्रिवेणी संगम तट पर महाकुंभ में स्नान विशेष फलदायक माना जा रहा है।
इस अवसर पर आचार्य ब्रजेन्द्र नागर ने कहा माघ मास की मौनी अमावस्या के विषय में पुराणों में विशेष फलदायक बताया गया है प्राचीन काल से हमारे ऋषि मुनियों द्वारा भी मौनव्रत धारण किया जाता रहा है । उन्होंने कहा ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रहों का जिस प्रकार योग बन रहा है वह अत्यंत शुभ है अपने परिवार की सुख समृद्धि ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए एवं पूर्वजों की आत्मशांति के लिए तप अनुष्ठान हवन पूजन व दान धर्म कार्य के लिए अत्यंत लाभकारी बताया गया है
ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक चतुर्वेदी ने “माघे बृषगते जीवे मकरे चंद्र भास्करौ,अमायां च ततो योगः कुंभाख्यातीर्थ,नायके। ज्योतिष श्लोक का उदाहरण देते हुए कहा कि मौनी अमावस्या पर त्रिवेणी संगम पर महाकुंभ पर्व में अमृत शाही स्नान विशेष फलदायक सिद्ध होगा उन्होंने कहा जिस प्रकार अश्वमेध यज्ञ,राजस्व यज्ञ करने से पुण्य लाभ प्राप्त होता है वही पुण्य कुंभ के स्नान करने से प्राप्त होगा।