नई दिल्ली । यदि आप आयकर भरने वाले पोर्टल पर अपनी जरूरी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी या बैंक खाता अपडेट करते हैं, तो आयकर विभाग के साथ सुचारू संचार के लिए ई-सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। ई-सत्यापन आपकी अपडेट की गई जानकारी को मान्य करता है और इसे सुरक्षित रूप से आपके टैक्स रिकॉर्ड से जोड़ता है। बिना ई-सत्यापन के, आपको आयकर विभाग से जरूरी सूचनाएं या कर का रिफंड आपके बैंक खाते में वापस नहीं मिल सकता। यह सुनिश्चित करता है कि आयकर विभाग आपसे संपर्क कर सके और कर का रिफंड बिना देरी के प्रोसेस हो सके।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अनुसार, निम्नलिखित जानकारी बदलने पर ई-सत्यापन जरूरी है: – प्राइमरी मोबाइल नंबर – ईमेल का पता – बैंक खाता विवरण ई-सत्यापन के तरीके सीबीडीटी की वेबसाइट के अनुसार, जानकारी को सत्यापित करने के लिए कई तरीके उपलब्ध हैं: 1. ओटीपी: यदि आपका आधार मोबाइल नंबर से लिंक है, तो आप ओटीपी के जरिए जल्दी सत्यापन कर सकते हैं। 2. नेट बैंकिंग: अपने बैंक खाते में नेट बैंकिंग के माध्यम से लॉगिन करें और ई-सत्यापन का विकल्प चुनकर अपनी पहचान सत्यापित करें। 3. डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट: जिनके पास डीएससी है, वे इसका उपयोग करके सत्यापन पूरा कर सकते हैं। 4. बैंक एटीएम: कुछ बैंक अपनी एटीएम सेवाओं के जरिए ई-सत्यापना की सुविधा देते हैं। 5. डीमैट खाता: लिंक्ड डीमैट अकाउंट्स के माध्यम से भी वेरिफिकेशन किया जा सकता है। इन बातों का रखें ध्यान – सुनिश्चित करें कि आपका आधार आपके वर्तमान मोबाइल नंबर से लिंक है। – यदि आप नेट बैंकिंग का उपयोग कर रहे हैं, तो आपका पैन बैंक खाते से लिंक होना चाहिए। – जानकारी बदलने के बाद जल्द से जल्द ई-सत्यापन पूरा करें ताकि ई-फाइलिंग सेवाओं में कोई रुकावट न आए। -ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपनी संपर्क और वित्तीय जानकारी को नियमित रूप से अपडेट और सत्यापित करने से अनावश्यक परेशानियों से बचा जा सकता है और विभाग से समय पर संचार सुनिश्चित होता है।