मथुरा। मथुरा वृंदावन नगर निगम क्षेत्र में दर्जनों मकान एवं व्यवसायिक इमारत पूर्ण रूप से जर्जर अवस्था में है समय रहते यदि इन भवनों को ढाहया नहीं गया तो बड़ी जनहानि कभी भी हो सकती है । पिछले दिनों नगर आयुक्त अनुनय झा ने इस संबंध में आदेश जारी किए थे लेकिन निगम के अधिकारी आंखें मूंद कर बैठे हुए हैं उदाहरण के तौर पर शहर की अल्पसंख्यक बस्ती मनोहर पूरा वार्ड न:18 बजरिया में अजीज नामक व्यक्ति का मकान पूर्ण जर्जर अवस्था में है, जिससे वहाँ रह रहे लोग दहशत में काफी है।

ये जर्जर मकान लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बनने लगा हैं। पुराने शहर की गलियों मेें कई ऐसे भी जर्जर मकान हैं जो हल्का सा भी झटका सहने की स्थिति में नहीं है। ये मकान तो दूसरो के भवन के सहारे खड़ा हैं, पास के मकानों का सपोर्ट हटने पर जर्जर मकान भरभरा कर जमीन पर गिर पड़ेंगा। फिर भी ऐसे मकानों में लोग रह रहे हैं। इंजीनियरों द्वारा इन भवनों की जाँच करा कर मथुरा नगर निगम व जिला प्रशासन ने इन्हें गिराने की कोई कार्रवाई नहीं की। बारिश के इस मौसम में कभी भी हादशा हो सकता है।
गलियों में स्थित जर्जर मकानों में लोग रहते हैं, जबकि नगर निगम पुराने भवनों को जर्जर घोषित करने के साथ नोटिस भेज चुका है। मगर लोग मकान खाली नहीं कर रहे हैं।
उधर नगर निगम भी इन्हें गिराने में रुचि नहीं ले रहा है। इन भवनों के पास से गुजरने से लोग कतराते हैं। नगर निगम को इन मकानों की सूची बना कर जल्द से जल्द ध्वस्त करा कर आम जन मानस को राहत देना चाहिए । बारिश में कई भवनों की दीवारें गिर गईं और कुछ लोग जख्मी हो गए। पिछले दिन चौबिया पाड़ा में बंदरो की उछल कूद से एक जर्जर मकान का बड़ा हिस्सा गिर गया था गनीमत रही की उस समय सड़क पर कोई नहीं था।














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