वायनाड (केरल) । केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर कम से कम 132 हो गई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। बचावकर्मी मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटे हैं, जिससे मृतक संख्या और बढ़ने की आशंका है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि भूस्खलन के बाद मुंडक्कई और चूरलमाला इलाकों में 180 से अधिक लोग लापता हैं और 300 से ज्यादा मकान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। मृतकों में से 75 की शिनाख्त कर ली गयी है और 123 शवों का पोस्टमार्टम कर लिया गया है। यहां एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि बरामद शवों को मेप्पडी स्वास्थ्य केंद्र और नीलमबुर सरकारी अस्पताल में रखा जा रहा है। थलसेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के बचाव दल मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं।
सैन्य कर्मियों ने बुधवार को तलाश एवं बचाव अभियान तेज कर दिया। भारी इंजीनियरिंग उपकरण तथा खोजी श्वान दलों को हवाई मार्ग से लाया गया है और भारतीय तट रक्षक (आईसीजे) ने मंगलवार को आपदा राहत दलों को भेजा।
भारतीय सेना ने बुधवार को भूस्खलन प्रभावित मुंडक्कई गांव से दूर स्थित ईला रिजॉर्ट और वन रानी रिजॉर्ट में फंसे 19 नागरिकों को बचाया। वन अधिकारियों और ग्रामीणों से मिली सूचनाओं के आधार पर 122 इन्फैन्ट्री बटालियन (टीए), मद्रास ने अदम्य साहस एवं वीरता का परिचय दिया।
भूस्खलन की घटनाएं मंगलवार को तड़के दो बजे से चार बजे के बीच हुईं, जिससे अपने घरों में सो रहे लोगों को जान बचाने का मौका तक नहीं मिल सका। बुधवार सुबह भूस्खलन से तबाह मुंडक्कई गांव में बचाव अभियान फिर से शुरू होने पर जमींदोज हुए मकानों के अंदर बैठे और लेटे हुए मुद्रा में शवों के भयावह दृश्य देखने को मिले।
इस बीच, वायनाड जिला प्राधिकारियों ने इस भीषण त्रासदी के बाद लापता हुए लोगों की संख्या का पता लगाने के लिए आंकड़ें एकत्र करना शुरू कर दिया है। कई परिवारों के सदस्यों ने अपने प्रियजनों के लापता होने की सूचना दी है।
केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने बचाव प्रयासों के लिए राज्य को हरसंभव सहायता देने का वादा किया है। कुरियन ने वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित लोगों से मुलाकात की।