वृंदावन से गोकुल तक 13 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन डालने से पाया जा सकता है प्रदूषण पर काबू
मथुरा । विश्वधर्म रक्षक दल ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के 31 अक्टूबर 22 तक यमुना जी में नाले गिरने से रोकने के दावों को खोखला बताते हुए इसे चुनावी शिगूफा करार दिया है। सामाजिक संस्था विश्वधर्म रक्षक दल के संयोजक विजय चतुर्वेदी का कहना है कि 7 साल से केंद्र में भाजपा की सरकार है कई सौ करोड रुपए नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर बर्बाद हो चुके हैं यमुना की स्थिति पहले से भी अधिक बदतर हो गई है।
उन्होंने ऊर्जा मंत्री के दावे पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इस चुनावी वर्ष में मथुरा-वृंदावन क्षेत्र से कैसे यमुना प्रदूषण दूर होगा वह विचारणीय है। मथुरा वृंदावन के नालो का 260 एमएलडी प्रदूषित जल प्रतिदिन यमुना जी में प्रवाहित होता है उस पर 40 एमएलडी के जल शोधन संयंत्र से कैसे काबू पा सकता है।
समाजसेवी विजय चतुर्वेदी का कहना है कि वह यमुना को प्रदूषण से मुक्त कराने के लिए अब तक लगभग 560 पत्र केंद्र राज्य सरकार आदि को लिख चुके हैं तथा दर्जनों आरटीआई दाखिल कर चुके हैं जिनमें गोलमोल जवाब के साथ कार्य की इतिश्री कर ली जाती है।
उन्होंने सरकार को सुझाव दिया है कि समूची यमुना को प्रदूषण से मुक्त करने की बात इस समय सपने जैसी है परंतु मथुरा वृंदावन क्षेत्र में इस समस्या का निदान निकाला जा सकता है। उनका कहना है कि वृंदावन से गोकुल तक यमुना किनारे 8 डाया की अंडरग्राउंड पाइप लाइन डालकर नालों के प्रदूषित जल को यमुना में गिरने से रोका जा सकता है। इस कार्य पर मात्र ₹25 करोड़ का व्यय अनुमानित है । नव निर्माणाधीन जल संयंत्र मात्र 30% ही जल को शोधन कर पा रहे हैं पाइप लाइन से निकले पानी को खेती के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। लाखों करोड़ों रुपए व्यय होने के बावजूद सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट सफेद हाथी बने हुए हैं ।
उन्होंने आरोप लगाया है कि गंगा दशहरा पर्व पर शहरी क्षेत्र में यमुना स्वच्छ निर्मल दिखाई दे रही थी लेकिन अगले दिन घाटों पर अपने यमुना की पुन: नालो जैसी स्थिति हो गई। अब इसका एक मात्र हल जमुना किनारे 13 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन डालना ही जिससे काफी हद तक प्रदूषण नियंत्रित किया जा सकता है।















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