टिवटर व्हाटसअप फेसबुक के माध्यम से दर्जनों शिकायतों का होता है रोज निस्तारण: अनुनय
मथुरा। वर्तमान युग में सोशल मीडिया जन-जन की आवाज बनता जा रहा है कल तक लोग मोबाइल फोन ठीक से चलाना भी नही जानते थे आज वह अपनी समस्याएं टिवटर व्हाटसअप फेसबुक के माध्यम से सम्बन्धित शासन प्रशासन को शिकायत दर्ज कराने में कोताही नही बरतते। योगी सरकार के काफी संख्या में अधिकारी तत्काल सोशल मीडिया पर आई शिकायत पर कार्यवाही कर सरकार की छवि बना रहे है वहीं अपने विभाग से आमजन को राहत पहुंचा रहे है। खास बात तो यह है कि समस्या का निदान हो जाने के बाद लोग अधिकारियों की तारीफ के पुल बांध देते है। जिससे काम कराने की प्रेरणा मिल जाती है। मथुरा-वृन्दावन नगर निगम जनपद में इस समय नम्बर वन पायदान पर काबिज है जिसने टिवटर हैंडिल के माध्यम से बीते दो माह में आई 250 से अधिक शिकायतों का चन्द घंटो में निस्तारण किया है। निगम के युवा आई आई टी गोल्ड मेडलिस्ट आई ए एस अधिकारी नगर आयुक्त अनुनय झा ने कई कर्मचारी इसी काम पर लगा रखे है ताकि लिखित शिकायतों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर आने वाली समस्याओं का प्राथमिकता से निस्तारण किया जा सके ।
शहर के अम्बाखार अंतापाडा नि. जितेन्द्र चतुर्वेदी ने नगर निगम के टिवटर हैंडल पर 9 जून को शिकायत दर्ज कराई कि तीन चार दिन से मौहल्ले में पेयजल सप्लाई नही आ रही है। इसको संज्ञान में लेते हुए नगर आयुक्त ने तत्काल जलकल अभियंता को मौके पर भेजा। छानवीन में पता चला कि पाईप लाइन में मिट्टी जम जाने से सप्लाई बाधित हुई है। इस बीच लाइन की सप्लाई का कार्य प्रारम्भ हुआ जब तक वहां पानी का टैंकर पहुंच गया। इस पर जितेन्द्र के एक साथी ने कमेंट किया कि वरूण देव का साक्षात अवतार प्रतीत हुए। अब क्षेत्र में निरंतर पेयजल सप्लाई से जनता काफी प्रसन्न है। जितेन्द्र चतुर्वेदी ने अपने टिवटर हैंडल पर लिखा कि धन्यवाद जी। आज लाइन में पानी आ गया। जीवन में पहली बार मथुरा में ऐसा कोई अफसर देखा है जो लीक से हटके जनता की मदद कर रहा है भगवान श्री कृष्ण आपका भला करें। इसी प्रकार नाले की सफाई के दौरान गुरूनानक नगर में जेसीबी से सडक पर सिल्ट निकाल कर डाल दी है। चैम्बर के उपर लगी बडी-बडी जालियां हटा दी।
भाजपा ( व्यापार प्रकोष्ठ) व्हाटसप ग्रुप में जुगल श्रीवास्तव ने लिखा कई दिन हो गये अभी तक न सिल्ट उठी न जाली लगी। इसकी पोस्ट किसी जागरूक नागरिक ने नगर आयुक्त को सेन्ड कर दी, पता चला कि अगले पांच घंटे में समूची सड़क से सिल्ट उठ गई और बडे चैम्बरों पर व्यवस्थित ढंग से जाली लगा दी गई। जुगल श्रीवास्तव ने अपनी पोस्ट पर लिखा कि ’कमाल है’ मथुरा में ऐसे भी अधिकारी है। करीब चार माह के कार्यकाल के दौरान नगर आयुक्त को मीडिया बन्धुओं ने भी विभिन्न प्रकार की सैकडों समस्याओं से अवगत कराया गया जिन पर त्वरित गति से कार्य हुआ। जनता को अब लगने लगा है कि नगर निगम अब नरक निगम नही रहा। इस सम्बन्ध में नगर आयुक्त अनुनय झा का कहना है कि हमको अपनी जिम्मेदारी से मुंह नही मोडना चाहिए, बडे कामों के साथ छोटे काम भी उतने ही जरूरी माने जाने चाहिए। निर्माण की शिकायत पर समय लगता है क्योंकि उसका स्टीमेट बनने के बाद टैण्डर होता है। मानवीय दृष्टिकोण देखते हुए आवश्यकतानुसार कार्य को स्वीकृत कर दिया जाता है। टिवटर पर आने वाली पेयजल, प्रकाश, की समस्या का निस्तारण 48 घंटों में करा दिया जाता है। वहीं सफाई की शिकायत पर 24 घंटे में कार्यवाही करा दी जाती है। उनका कहना है आने वाले एक पखवाडे में उनका हाई टेक कन्ट्रोल रूम काम करना प्रारम्भ कर देगा, जहां पर शिकायत आते ही कार्यवाही स्वतः प्रारम्भ हो जायेगी। इसके लिए आईटी एक्सपर्ट की तलाश की जा रही है।
ट्विटर, फेसबुक पर दर्ज शिकायतों के त्वरित निस्तारण के कारण अब आम लोगों को निगम कार्यालय में चक्कर नही लगाने पडते। अब तक स्थिति यह थी कि निगम के अधिकारी कर्मचारी समस्या के निदान को लेकर महीनों पत्राचार ही करते रहते थे। अब स्थिति उलट हो गई है नगर आयुक्त की सोशल मीडिया पर समयवद्धता कार्यवाही से अब सभी एलर्ट रहते है। कृष्णानगर के पार्षद चन्दन आहुजा अपने क्षेत्र की पेयजल समस्या के निदान के लिए 6 माह से परेशान थे। मीडिया का सहारा लेते ही कार्यवाही हो गई। वह नगर आयुक्त की शैली से काफी प्रसन्न है।