अयोध्या । नव्य-भव्य जन्मभूमि पर निर्मित दिव्य राममंदिर के आकाशचुंबी शिखर पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धर्मध्वजा का विधिवत आरोहण किया। लगभग दो किलो वजनी केसरिया ध्वजा जब 161 फीट ऊंचे शिखर पर लहराई, तो मानो रामलला के मंदिर की पूर्णता का उस क्षण दिव्य उद्घोष हो गया। इस पवित्र पल में प्रधानमंत्री मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, संत समाज तथा वहां उपस्थित सभी भक्तजनों की आंखें श्रद्धा और भावनाओं से भर उठीं। ऐसा प्रतीत हुआ मानो सदियों से चल रही ‘प्रतीक्षा-साधना’ का प्रवाह आज विराम को प्राप्त हो गया हो।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि धर्म ध्वजा पर कोविदार वृक्ष बना है। जब भरत अपनी सेना के साथ चित्रकूट पहुंचे, तब लक्ष्मण ने दूर से ही अयोध्या की सेना को पहचान लिया। इसका वर्णन वाल्मीकि जी ने किया है। लक्ष्मण कहते हैं कि सामने जो ध्वज दिख रहा है, वह अयोध्या का धर्म ध्वज है, जिस पर कोविदार वृक्ष बना है। यह वृक्ष अपने को याद दिलाता है कि जब हम इसे भूलते हैं, तब अपनी पहचान खो देते हैं। आज से 190 साल पहले 1835 में मैकाले नाम के एक अंग्रेज ने भारत में मानसिक गुलामी की नींव रखी। आने वाले 10 वर्षों में उसके 200 साल होने वाले हैं। हमने संकल्प लिया है कि आने वाले 10 वर्षों में हम मानसिक गुलामी की मानसिकता से मुक्ति दिलाकर रहेगें।
















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