मथुरा। उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद और धर्मार्थ विभाग के अंतर्गत 2025-26 ही प्रस्तावित कार्य योजना को सहमति दे दी है। गन्ना विकास और चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में 220 करोड़ के कार्यों पर विचार किया गया है। इसमें ब्रज तीर्थ विकास परिषद के 120 करोड़ के कार्य शामिल हैँ।
बुधवार को उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद सभागार में ब्रज क्षेत्र के समेकित विकास के अंतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना पर विचार-विमर्श के लिए जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा जनपद मथुरा के अन्तर्गत ब्रज के धार्मिक एवं पौराणिक स्थलों के विकास से जुड़े 120 करोड़ रुपये के प्रस्ताव वर्ष 2025-26 की कार्य योजना के रूप में प्रस्तुत किए। कैबिनेट मंत्री की अध्यक्षता वाली इस बैठक में गोवर्धन विधायक मेघ श्याम सिंह, मांट विधायक राजेश चौधरी, एमएलसी ठा. ओम प्रकाश सिंह ने क्षेत्रीय आवश्यकता के अनुसार कुछ संशोधन का प्रस्ताव रखा। इस पर उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने उन्हें सहज स्वीकारते हुए बैठक में सुझाए प्रस्तावों को लिखित रूप में देने का आग्रह जनप्रतिनिधियों से किया।
उक्त कार्य योजना के अंतर्गत जिलाधिकारी सीपी सिंह और ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने जनप्रतिनिधियों के समक्ष ब्रज तीर्थ विकास परिषद और धर्मार्थ विभाग द्वारा प्रस्तावित कार्यों की उपयोगिता बताई। विधायक राजेश चौधरी ने बताया कि विधानसभा मांट क्षेत्र से जुड़ी विकास योजनाओं और धार्मिक, सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण पर विस्तार से चर्चा की। प्रसिद्ध स्थलों का विकास एवं जीर्णोद्धार हो सके ऐसे स्थलों मंदिरों एवं मार्गों को कार्ययोजना में सम्मिलित कराया।
इस दौरान गन्ना विकास और चीनी मिल मंत्री चौ. लक्ष्मी नारायण ने बताया कि बैठक में ब्रज विकास से जुड़े 220 करोड़ रुपये के कार्यों पर सहमति व्यक्त की है। इसमें 120 करोड़ के कार्य उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के अंतर्गत होंगे जबकि 100 करोड़ रुपये के कार्य धर्मार्थ विभाग के तहत प्रस्तावित किए गए है। प्रस्तावित कार्य योजना को जल्द शासन की अनुमति के लिए भेजा जाएगा।
सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि कार्य योजना में गोवर्धन और कोकिलावन में 45 करोड़ से टीएफसी, मथुरा वृंदावन परिक्रमा में फसाड़ लाइट 24 करोड़, 36 प्राचीन वनों का इको रेस्टोरेशन 12 करोड़, अक्रूर घाट का निर्माण 8 करोड़, चीर घाट पड़ाव स्थल का विकास सात करोड़, खेंचा दाऊजी मंदिर क्षेत्र का विकास आदि कार्य प्रस्तावित किए गए हैँ। इसी तरह धर्मार्थ विभाग से नारायण सरोवर का विकास, नंदगाँव मंदिर परिक्रमा का विकास, वन खंडी महादेव मंदिर क्षेत्र का विकास, अश्वथामा वन की परिक्रमा, वंशी वट तरौली में स्वामी बाबा मंदिर का सौंदर्यीकरण व विकास, मधुरीकुंड का विकास, कोटवन में शीतल कुंड का विकास, नरी सेमरी मंदिर का विकास और एप्रोच रोड का विकास सहित अन्य कई कार्य प्रस्तावित हैँ।
बैठक में पर्यावरण विशेषज्ञ मुकेश शर्मा, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी मदन चंद्र दुबे, उप मुख्य कार्यपालक सतीश चंद्र आदि मौजूद रहे।