चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने पूरे राज्य को आपदा प्रभावित राज्य घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही बाढ़ के कारण पंजाब में 7 सितंबर तक सभी शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए हैं। बाढ़ से 23 जिलों में 1400 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इस बाढ़ में 30 लोगों कीमौत हो गई है और 3.5 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। मंगलवार को राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने कुछ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। जानकारी के अनुसार, बाढ़ से अब तक लगभग 20,000 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला जा चुका है। पंजाब 1988 के बाद से आई सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है।
राज्य के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए, पंजाब के सभी आईपीएस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन देने का संकल्प लिया है। डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि यह योगदान चल रहे राहत और पुनर्वास प्रयासों में सहयोग के लिए एक विनम्र प्रयास है। इससे पहले बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए पंजाब से राज्य सभा सांसद राघव चड्ढा ने एमपीएलएडीएस फंड से 3.25 करोड़ रुपये जारी किए हैं। उन्होंने गुरदासपुर जिले में बाढ़ सुरक्षा बांधों की मरम्मत और मजबूती के लिए ₹2.75 करोड़ दिए हैं। ₹50 लाख अमृतसर ज़िले में राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए भी दिए हैं।
बाढ़ के कारण 3.75 एकड़ फसल पानी में बह गई है। सभी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (डीडीएमए) को प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए जल्द और पर्याप्त उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही दूरसंचार ऑपरेटरों को मोबाइल और लैंडलाइन कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों और आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान कल पंजाब जाकर किसानों से मुलाकात करेंगे।
रूपनगर जिला प्रशासन द्वारा सतलुज दरिया के किनारे बसे गांव के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है जो गांव शत्रुघ्न के किनारे पर बसे हैं उन गांव के लोगों के लिए प्रशासन द्वारा पांच गांव में राहत शिविर लगाए गए हैं। इन राशियों में लोगों के रहने खाने पीने और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पूरे प्रबंध किए गए हैं प्रशासन द्वारा भनाम, भलाण, नानगरा, पलासी और सिंहपुर में राहत शिविर बनाए गए हैं। भाखड़ा बांध का जलस्तर लगभग 1,678 फीट तक पहुंच गया है, जबकि अधिकतम जलस्तर 1,680 फीट है, जो खतरे के निशान से केवल दो फीट नीचे है।