मथुरा। मंडी परिसर में हाइवे नाले के गंदे पानी से परेशान व्यापारी सोमवार को बीच सड़क धरने पर बैठ गए। इस दौरान मंडी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। चिलचिलाती धूप में व्यापारियों के धरने की सूचना पर पहुंची मंडी सचिव रेनू वर्मा को भी व्यापारियों ने खूब खरी-खोटी सुनाई। 24 घंटे के अल्टीमेटम के साथ व्यापारी धरना स्थल से उठे।
मंडी परिसर में बने नालों का लेबल हाइवे नाले से नीचा है। ऐसे में हाइवे नाला ओवर फ्लो होते ही गंदा पानी परिसर में प्रवेश कर जाता है। बरसातों में ये समस्या और विकराल हो जाती है। बीते एक माह से मंडी परिसर में नाले का गंदा पानी भरा है। व्यापारी मंडी सचिव कार्यालय शिकायत लेकर जाते है तो उन्हें आश्वासन देकर टरका दिया जाता है। सोमवार को व्यापारियों का धैर्य जबाव दे गया।
व्यापारी दोपहर बारह बजे मंडी की मुख्य सड़क पर धरना देने बैठ गए। इस धरने में व्यापारी ही नहीं मंडी में अपनी फसल बेचने आए किसान, और मजदूरी की तलाश में आए मजदूर भी शामिल हो गए। मंडी प्रशासन हाय-हाय के नारे लगे तो मंडी कार्यालय में खलबली मच गई।
सचिव रेनू वर्मा व्यापारियों के धरना स्थल पर पहुंची और 24 घंटे में समस्या का निराकरण करने आश्वासन दिया। इस दौरान उन्हें व्यापारियों के तीखे सवालों का भी सामना करना पड़ां
धरना स्थल पर धर्म अग्रवाल, विनोद अग्रवाल, बिस्सा चौबे, आलोक शर्मा, आशीष गर्ग, रोहताश सिंह, विष्णु शर्मा, शैलेंद्र भारद्वाज,विष्णु वार्ष्णेय, झम्मन वार्ष्णेय, ओम प्रकाश सिंह, अशोक सिंह, ब्रजकिशोर शर्मा सहित सैंकड़ों किसान, मजदूर मौजूद रहे।
निदेशक कार्यालय से आया फोन, तब हरकत में आए अधिकारी
इस पूरे प्रकरण को लेकर कारोबारीं ने मंडी निदेशक कार्यालय लखनऊ, प्रभारी मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को भी शिकायत दर्ज कराई। सोमवार को निदेशक कार्यालय के अधिकारियों ने मंडी सचिव कार्यालय से जबाव तलब किया। इस पर मंडी में नाला निर्माण सबंधी पत्रावली खंगाली गई। पूर्व अधिकारियों से हाइवे नाले के समानांतर नाला बनाए जाने के सर्वे के बारे में पूछा गया। मंडी सचिव रेनू वर्मा ने बताया उन्होंने डिप्टी डायरेक्टर निर्माण से भी बात की है जल्द ही इंजीनियरों की टीम पुनः आकर सर्वे करेगी और स्थायी समाधान की योजना तैयार करके उसका तस्परता के साथ क्रियान्वयन किया जाएगा।