नई दिल्ली । भारत और जर्मनी ने भारतीय प्रतिभाओं की अधिक भागीदारी के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर और स्वच्छ ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर शुक्रवार को एक अहम सहमति कायम की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जर्मनी के चांसलर ओलोफ शोल्ज़ के बीच यहां अंतर सरकारी परामर्श (आईसीजी) की बैठक में यह सहमति कायम हुई। बैठक में प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत एवं जर्मनी के संबंधों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि 2022 में, बर्लिन में हुई पिछली आई.जी.सी के दौरान द्विपक्षीय सहयोग के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये थे। दो सालों में दोनों देशों के रणनीतिक साझीदारी के विभिन्न क्षेत्रों में उत्साहजनक प्रगति हुई है। रक्षा, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, पर्यावरण अनुकूल विकास जैसे क्षेत्रों में बढ़ता सहयोग आपसी विश्वास का प्रतीक बना है।
श्री मोदी ने कहा कि आज विश्व, तनाव, संघर्षों और अनिश्चितता के दौर से गुज़र रहा है। हिन्द प्रशांत क्षेत्र में कानून आधारित शासन और नौवहन की स्वतंत्रता को लेकर भी गंभीर चिंताएं हैं। ऐसे समय में, भारत और जर्मनी की रणनीतिक साझीदारी एक मज़बूत एंकर के रूप में उभरी है। ये एक केवल लेन-देन वाला रिश्ता नहीं है। यह दो समर्थ और सशक्त लोकतंत्रों की क्रांतिकारी साझीदारी है। एक ऐसी साझीदारी, जो वैश्विक जगत और मानवता के स्थिर, सुरक्षित एवं टिकाऊ भविष्य के निर्माण में योगदान दे रही है।
उन्होंने कहा, “इस संबंध में, पिछले हफ्ते जर्मनी ने जो फोकस ऑन इंडिया स्ट्रैटिजी जारी की है, उसका स्वागत है। मुझे ख़ुशी है कि अपनी साझीदारी को विस्तार एवं ऊंचाई देने के लिए, हम कई नये और महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं। हमारी कार्यशैली समग्र सरकार की जगह समग्र राष्ट्र की ओर बढ़ रही है। दोनों देशों के उद्योग, नवान्वेषक और युवा प्रतिभाओं को जोड़ रहे हैं। टेक्नोलॉजी का लोकतंत्रीकरण हमारी साझा प्रतिबद्धता है। आज रोडमैप ऑन इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी जारी किया जा रहा है। इससे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर और स्वच्छ ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हमारा सहयोग और सुदृढ़ बनेगा।”
श्री मोदी ने कहा कि अभी हमने जर्मन बिज़नेस की एशिया पैसिफिक कांफ्रेंस में भाग लिया। कुछ देर में हम सीईओ फोरम में भी भाग लेंगे। इससे हमारे सहयोग को बल मिलेगा। हमारी अर्थव्यवस्थाओं को विविधतापूर्ण बनाने और जोखिम मुक्त बनाने के प्रयासों में भी गति आएगी तथा सुरक्षित, विश्वसनीय और भरोसेमंद आपूर्ति श्रृंखला खड़ी करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, “जलवायु के विषय में हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप हमने वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के लिए प्लेटफॉर्म बनाया है और आज ग्रीन हाइड्रजन रोडमैप भी जारी किया है। हमें ख़ुशी है कि भारत और जर्मनी के बीच शिक्षा, कौशल विकास और मोबिलिटी से काम चल रहा है। जर्मनी द्वारा जारी की गयी कुशल श्रमिक मोबिलिटी स्ट्रैटिजी का स्वागत है। ऐसा विश्वास है कि आज की ये बैठक, हमारी साझीदारी को नई ऊंचाई पर ले जाएगी।”