अलीगढ। भगवान शिव के अत्यंत प्रिय महीने सावन की शुरुआत इस बार 22 जुलाई से हो रही है, सावन माह में एक अद्भुत संयोग यह बन रहा है कि इस माह का प्रारंभ भी उनके प्रिय दिन सोमवार से होगी और समापन भी सोमवार को ही होगा। इस माह में पांच सोमवार देखने को मिल रहे हैं। वहीं शहर के प्रमुख ज्योतिर्विद एवं वैदिक ज्योतिष संस्थान के स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज ने बताया की वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार सावन महीने में कई शुभ योग बन रहे हैं जिसके प्रभाव में भगवान शिव की भक्ति से सभी मनोरथ सिद्ध होने वाले हैं। श्रावण महीने के पहले दिन यानि 22 जुलाई को सूर्योदय से रात्रि 10:20 तक सर्वार्थ सिद्धि योग, प्रीतियोग के अलावा श्रवण नक्षत्र योग रहेगा। 23 जुलाई को प्रातः 5:57 से दोपहर 12:05 तक द्वि-पुष्कर योग रहेगा। इसके बाद पूरे श्रावण माह में 7 दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेंगे। सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि यानि सावन का अंतिम दिन 19 अगस्त रक्षाबंधन को शोभन योग होने के कारण यह तिथि अत्यंत शुभ रहेगी। श्रवण नक्षत्र, प्रीति और सर्वार्थ सिद्धि योग रहने के साथ इस माह में खरीदारी के लिए कई अन्य शुभ योग भी रहेंगे।
स्वामी पूर्णानंदपुरी के अनुसार श्रावण मास में भोलेनाथ ही नहीं बल्कि मंगला गौरी यानि माँ पार्वती पूजन के भी चार दिन मिलेंगे 23 जुलाई, 30 जुलाई, 6 अगस्त व 13 अगस्त को मंगलवार पर मंगला गौरी पूजन किया जाएगा । इस दिन माँ पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। स्वामी जी ने सावन के महत्व के बारे में बताया कि यह महीना शिव और प्रकृति की पूजा का संदेश देता है। शिव कल्याणकारी हैं उन्हें प्रसन्न करने उनके साथ पीपल व बट आदि वृक्षों की पूजा व पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कार्य अवश्य करने चाहिए।