मथुरा। नगर आयुक्त शशांक चौधरी सोमवार को अचानक नगर निगम के जन्म मृत्यु कार्यालय पहुंच गए। नगर आयुक्त को अचानक कार्यालय में देख कर्मचारी चकित रह गए। उन्होंने निरीक्षण दौरान जन्म मृत्यु से जुड़े अभिलेख देखे, जो अव्यवस्थित थे।
नगर आयुक्त ने औचक निरीक्षण में पाया गया कि जन्म एवं मृत्यु की जांच पूर्ण होने के उपरान्त या हॉस्पिटल से प्राप्त सूचनाओं को रजिस्टर में अंकित करने के उपरान्त पोर्टल पर फीड नही किया जा रहा है। पूछने पर अवगत कराया कि आवेदन के बाद पोर्टल पर प्रमाण पत्र निकालने के लिए अपलोड किया जाता है।
इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जांच पूर्ण होने के उपरान्त ही जन्म एवं मृत्यु की प्रविष्टि अपलोड कर दी जाए। आवेदनकर्ता को प्रमाण पत्र प्राप्त करने में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। आवेदन करने पर तत्काल प्रमाण पत्र प्राप्त करा दिया जाए। अभिलेखों के निरीक्षण में पाया कि उन्हें क्रमबद्ध तरीके से माहवार नहीं रखा गया। इसे व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। आवेदक को जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए दिए जाने वाले दस्तावेजों से सम्बन्धित सूचना पट्टिका भी नहीं मिली। पट्टिका लगाने को कहा गया। साथ ही नगर आयुक्त शशांक चौधरी ने जन्म मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली के अनुसार 21 दिन के अन्दर सूचना प्राप्त होने पर निःशुल्क प्रमाण पत्र जारी करने एवं उसके उपरान्त विलम्ब शुल्क की सूचना पट्टिका भी लगाने के निर्देश दिए।
इस दौरान नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि जन्म मृत्यु के निर्धारित प्रारुप पर सभी सूचना अंकित की जाए। ओवर राटिंग के प्रपत्रों की शुद्धता जांच करते हुए कार्यवाही पूर्ण कराई जाए। यदि फार्म की प्रविष्टियां अपठनीय या ओवर राइटिंग है, तो सूचनादाता को पुनः फार्म जमा करने को सूचित किया जाए। प्रत्येक प्राप्त फार्म की पूर्णतः एवं शुद्धता सावधानी पूर्वक जांच की जाए। अभिलेखों को नियमावली के अनुसार संरक्षित किया जाए। बच्चे के नाम का रजिस्ट्रीकरण जन्म मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली के अनुसार किया जाए। ।
सम्बन्धित लिपिक को स्पष्टीकरण जारी किया गया। सुधार के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है, यदि सुधार नही किया जाता है तो सम्बन्धित लिपिक के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।