इंदौर । एमपी के इंदौर को बड़ी सौगात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी है। इंदौर में आज से मेट्रो सेवा की शुरुआत हो गई है। पहले दिन महिलाएं मेट्रो में सफर कर रही हैं। यह मेट्रो सेवा अभी 6 किलोमीटर के रूट पर शुरू हुई है। इस रूट पर 5 स्टेशन हैं। मेट्रो शुरू होने से शहर में ट्रैफिक और प्रदूषण कम होने की उम्मीद है। पहले हफ्ते में लोग मुफ्त में मेट्रो में सफर कर सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली भोपाल से इसकी शुरुआत की है।
पहले दिन क्या खास
इंदौर मेट्रो की पहली राइड महिलाओं के नाम रही। इसमें एक दिव्यांग महिला समेत कई महिलाओं ने सफर का आनंद लिया। इस दौरान महिलाएं ट्रेन में लोक गीत गाती हुईं नजर आईं। मेट्रो में बुजुर्ग. युवा और बच्चियां सभी उत्साहित नजर आईं। इंदौर मेट्रो के टर्मिनल का नाम देवी अहिल्या बाई होलकर स्टेशन रखा गया है। वहीं इसके अन्य सभी स्टेशनों के नाम भी वीरांगनाओं के नाम पर ही रखे गए हैं। पहले दिन टर्मिनल से निकलने के बाद मेट्रो महारानी लक्ष्मीबाई स्टेशन, रानी अवंती बाई लोधी स्टेशन और रानी दुर्गावती स्टेशन, फिर वीरांगना झलकारी बाई स्टेशन तक चली। इंदौर में पहली बार चली मेट्रो 12.20 बजे आखिरी स्टेशन वीरांगना झलकारी बाई स्टेशन पर पहुंची। मेट्रो ने 5.9 किमी का ये सफर 11 मिनट में पूरा किया। इस दौरान मेट्रो कहीं नहीं रुकी।
पहले सप्ताह में मेट्रो का संचालन नि:शुल्क रहेगा। ट्रेन का शेड्यूल सुबह 8 से रात 8 तक रहेगा। मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन का दावा है कि हर 30 मिनट में मेट्रो ट्रेन उपलब्ध रहेगी। न्यूनतम किराया 20 तो अधिकतम 30 रुपए रखा गया है। शुरुआत में 10 कोच चलाने की योजना है। सरकार ने इंदौर मेट्रो में 3 डिब्बों के 75 कोच चलाने का फैसला किया है। अब तक 14 कोच आए हैं। पहला कोच 31 अगस्त 2023 को वडोदरा की कंपनी से सड़क मार्ग से लाया गया था। कोच एआइ तकनीक से लैस हैं। दावा है कि कोच या ट्रैक पर आपत्तिजनक वस्तु रखी होगी तो कैमरे अलर्ट कर देंगे। ट्रैक पर व्यवधान रहा तो एआइ तकनीक खुद ब्रेक लगा देगी। ऊर्जा संरक्षण भी ऑटोमेटिक मोड पर है। ट्रेन बिना पायलट भी चल सकती है, लेकिन शुरुआती दौर में पायलट ही इसका संचालन करेंगे।
वर्ष 2022 तक मेट्रो कॉरिडोर का ज्यादा काम नहीं हुआ था। गांधी नगर डिपो बनाने में प्लानिंग बदली और 40 मकानों को बचाकर डिपो का काम शुरू किया। गांधी नगर से टीसीएस चौराहे तक पीलर बनानेे का काम नहीं हुआ था। इसके लिए योजना बनाई गई। आइडीए से संपर्क कर जमीनों का मामला क्लियर किया। जब सेगमेंट लॉन्च करने की बात आई तो एक साथ 7 लांचर लगाए गए। इससे काम में तेजी आई। इसमें करीब 650 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
जानें, कैसे हैं इंतजाम
● एक कोच में 50 लोगों के बैठने और 300 लोगों के खड़े होने की व्यवस्था है। एक ट्रेन की यात्री क्षमता 980 है।
● सभी कोच में एलईडी लाइट लगी है, जो रोशनी के हिसाब से एडजस्ट होगी।
● प्रत्येक कोच की लंबाई 22 तो चौड़ाई 2.9 मीटर है।
● एक कोच में 8 (4-4 दोनों साइड) ऑटोमेटिक गेट हैं। कांच की खिड़कियां हैं। ग्रैब हैंडल, डिजिटल रूट मैप आदि हैं।