मथुरा । जन्माष्टमी के पावन पर्व पर ब्रज मंडल का कोना कोना ऐसा कृष्णमय हो गया है कि भक्ति यहां पर नृत्य कर रही है। इस अवसर पर जहां मन्दिरों में लम्बी लम्बी लाइने लगी हैं वही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आज श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित भागवत भवन मन्दिर में पूजन अर्चन कर प्रदेश और राष्ट्र के कल्याण की कामना की। मन्दिर में आरती उतारने के बाद उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मस्थान संस्थान के सचिव कपिल शर्मा के सुझाव पर गर्भगृह में विगृहों की परिक्रमा भी की।
मुख्यमंत्री ने अपने निर्धारित कार्यक्रम से अलग हटकर रविवार की देर शाम ठाकुर बांकेबिहारी मन्दिर में पूजन अर्चन किया। मन्दिर के सेवायत आचार्य ज्ञानेन्द्र किशोर गोस्वामी ने उनसे मन्दिर के श्री विगृह के सामने घी का दीपक भी जलवाया। बिहारी जी के समक्ष दीपक को जलाना बहुत अधिक शुभ माना जाता है। आज सुबह जब जन्माष्टमी की शुरूवात श्रीकृष्ण जन्मस्थान में शहनाई और बम्ब वादन से हुई तो जन्मस्थान परिसर में मौजूद हजारों श्रद्धालु भाव विभोर होकर नृत्य करने लगे। इसके बाद ही मंगला आरती हुई तथा अभिेषेक के बाद उपस्थित जनसमुदाय में चरणामृत का वितरण किया गया।जन्मस्थान परिसर के गर्भगृह को जेल का स्वरूप देना आज तीर्थयात्रियों की चर्चा का विषय बना रहा । समाचार मिलने तक दो लाख से अधिक लोग श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित मन्दिरों के दर्शन कर चुके थे तथा श्रद्धालुओं का तेजी से आना जारी था।
भारत विख्यात द्वारकाधीश मन्दिर में आज जन्माष्टमी की शुरूवात पहले कान्हा की प्रिय वंशीवादन से हुई तथा बाद में शहनाई और नगाड़ी भी इसमें शामिल हो गए।मन्दिर के जनसंपर्क अधिकारी राकेश तिवारी के अनुसार आज प्रातःकालीन अभिषेक के बाद मन्दिर में मौजूद सभी भक्तो में चरणामृत का वितरण किया गया। शहर में रहनेवाले अधिकांश लोग इस चरणामृत को गृहण करने के बाद ही अपना वृत शुरू करते हैं।
वृन्दावन के मन्दिरों में आज जन्माष्टमी मनाई गई।राधा श्यामसुन्दर मन्दिर में आज जन्माष्टमी की शरूवात अखंड हरिनाम संकीर्तन से हुई। यह संकीर्तन रात 2 बजे तक अनवरत रूप से चलता रहेगा।
वृन्दावन इस्कान में आज जहां विदेशी भक्तों ने निर्जला वृत रखा वहीं मंगला आरती के बाद दर्शन आरती के पहले मन्दिर के विगृहों को नई पोशाक धारण कराई गई तथा सुबह से कीर्तन चल रहा है। मन्दिर के जनसंपर्क अधिकारी रविलोचनदास ने बताया कि आज सुबह से ही मन्दिर में दर्शन के लिए आनेवाले हर भक्त को वृत का प्रसाद खाने के लिए दिया जा रहा है। उधर उत्तर को दक्षिण से जोड़नेवाले रंग जी मन्दिर में आज जन्माष्टमी का आयोजन दक्षिण और उत्तर भारत की परंपराओं को मिलाकर किया गया। मन्दिर के बाहर मंगलवार को लटठे का मेला होगा जिसमें लगभग 40 फीट ऊंचे लट्ठे पर ऊपर से तेल मिला पानी डाला जाएगा और पहलवान लोग इस पर चढ़कर सबसे ऊपर लगाए गए बर्तनों को लाने का प्रयास करेंगे।वैसे जन्माष्टमी के पावन पर्व पर हर घर एक मन्दिर बन गया है तथा भजन और कीर्तन के आयोजन से वातावरण भक्ति से परिपूर्ण हो गया है।