मथुरा। मोहर्रम कमेटी शहर व सदर मथुरा के तत्वावधान में हज़रत इमाम हुसैन की याद में सलीम अहमद के नेतृत्व में कुशक गली से शुरू होकर शहर के विभिन्न मार्गों से अलम व अखाड़े का जुलूस निकाला गया।
परम्परागत क्षेत्र कुशक गली से शाम 08 बजे अलम और अखाड़े का जुलूस प्रारम्भ होकर हनुमान टीला, काजी पाड़ा, चूड़ी गली, नककारची टीला, चौक बाजार, घीया मंडी, भरतपुर गेट, मनोहरपुरा, मटिया दरवाजा, बरवार पाड़ा, मण्डी रामदास, ठेक नारनौल, खिड़की बिसायती, हालनगंज, वृन्दावन गेट और जामा मस्जिद चौक बाजार पर जमा हुआ इसके बाद अखाड़े के उस्ताद खलीफाओं ने अपनी कला का जोरदार प्रदर्शन किया और हैरतअंगेज करतब दिखाए।
जुलूस में अलम और अखाड़े के साथ-साथ पारंपरिक हथियारों का प्रदर्शन किया गया। इसके बाद जुलूस कुशक गली पहुंच कर समाप्त हुआ।
जुलूस के दौरान लोगों ने हज़रत इमाम हुसैन को याद कर व नारे लगाकर अपनी भावनाओं का प्रदर्शन किया।
इस दौरान जुलूस में काफी संख्या में महिला पुरुषों का हुजूम उमड़ पड़ा जिसमें महिलाओं ने अलम में सोने चांदी के धागे बांध कर मन्नत मुराद मांगी।
जुलूस के दौरान लोगों को जुलूस के मार्गो में जगह जगह लंगर खाना, सबील, दूध, कोल्डड्रिंक, आइसक्रीम, हलवा और जर्दा वितरण किया गया।
मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष मौहम्मद युनूस गाजी ने कहा कि मोहर्रम का जुलूस एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें लोग अपनी धार्मिक भावनाओं का प्रदर्शन करते हैं और मोहर्रम की परंपरा को जीवंत बनाए रखने के लिए अपना योगदान देते हैं। उन्होंने कहा कि जुलूस के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा गया था और पुलिस प्रशासन की ओर से आवश्यक इंतजाम किए गए थे।
मोहर्रम कमेटी के सचिव अबरार खान वारसी ने कहा कि हज़रत इमाम हुसैन की याद में मोहर्रम के पवित्र माह में शहर के सभी अलमदार अखाड़े दार व दुलदुलदार एवं ताजियेदार अपने अपने जुलूसों को बहुत सादगी और प्रेम सौहार्द एवं शान्ति सद्भावना बनाते हुए जुलूस को निकालें।
इस मौके पर अध्यक्ष मौहम्मद युनूस गाजी, सचिव अबरार खान वारसी, भूरा शेख, जहीर अब्बास जैदी, शबनम कुरैशी, सारिक एडवोकेट, हाजी सूफी सईद हसन, बबलू कुरैशी, नौशाद खान, यासीन शाह, राजू फारूखी, शहजाद बेग, आशिफ कुरैशी, बंटी कुरैशी, सादान वारसी, आरिफ़ खान, मीडिया प्रभारी शाहिद कुरैशी आदि एवं पुलिस बल जुलूस के साथ साथ चल रहे थे।