मथुरा। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने कहा कि दीनदयाल वेटेरिनरी विश्वविद्यालय से शिक्षा लेकर निकले छात्र किसानों को पशुपालन के आधुनिक तरीको से प्रेरित कर उनकी आमदनी को दूने से अधिक करने में मदद कर सकते हैं।
सोमवार को दीनदयाल वेटेरिनरी यूनिवर्सिटी में 13वें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार यहां पर महिलाओं को अधिक मेडल मिले हैं तथा जिस प्रकार अघिक संख्या में महिलाएं भी विभिन्न क्षेत्रों के साथ इस विश्वविद्यालय में शिक्षा लेने आ रही हैं उससे लगता है कि भारत का भविष्य बहुत उज्ववल है। उन्होंने कहा कि आज विश्वविद्यालय की ओर से जिस ऐप को निकाला गया है उससे किसान घर बैठे पशुओं से संबंधित सभी समस्याओं का निराकरण कर सकेंगे।
समारोह में उन्होंने कहा जिस प्रकार से बच्चे कुपोषण के शिकार हो रहे हैं उन्हें सही समय में दूध आदि नही मिलता है वह चिन्ता का विषय इसलिए है कि घर में दूध होने के बावजूद उसे उन्हें नही दिया जाता है तथा वह न बच्चों को मिल पाता है न गर्भवती महिलाओं को मिलता है जिससे वे भी कुपोषण का शिकार हो रही हैं। इसलिए महिलाओं को पशुपालन से जोड़ना होगा अैार यह कार्य इस प्रकार के विश्वविद्यालय कर सकते हैं। उन्होंने उपाधि प्राप्त यूनिवर्सिटी के डाक्टरों से महिलाओं के परिवारों में जाकर उन्हें पोषक तत्व खिलाने के लिए प्रेरित करने का भी आहवान किया।उन्होंने स्पष्ट शब्दो में कहा कि उस शिक्षा और उस गोल्ड मेडल का कोई महत्व नही है जब घरों में कुपोषणयुक्त बालक का जन्म होता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि कम से कम आज उपाधि प्राप्त महिलाएं अपने जीवन में कुपोषण जैसी उन कमियों को नही आने देंगी जो आज की महिलाओं में अधिकतम है।
राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने कहा कि वर्तमान में पशुपालन देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है। इसमें वैज्ञानिकों के प्रयास से हरित क्रांति, नीली क्रांति , गुलाबी क्रांति, की भूमिका रही है। वैज्ञानिक पद्धति के प्रयोग से पशुपालन, मत्स्यपालन, रेशम उत्पादन, मधुमक्खी पालन का उत्पादन बढ रहा है। किंतु आज रोग कितने अधिक बढ़ गए हैं अकेले यूपी में 13 लाख महिलाएं कैंसर से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि गोवंश और पशुधन की संख्या 1951 में जहां लगभग 19.7 करोड़ थी वर्ष 2019 में बढ़कर लगभग 30.3 करोड़ हो गई थी तथा वर्ष 2022 में 30.8 करोड़ हो गई।
उन्होंने कहा कि पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा अनेक योजनाए संचालित की जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं एवं पशुपालकों को इसकी जानकारी दी जा रही है। महिलाओं की शिक्षा, विकास आदि के लिए कन्या सुमंगला योजना, मिशन शक्ति योजना, कस्तूरबा गांधी विद्यालय योजना, राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना, पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना, पशुधन बीमा योजना आदि सरकार द्वारा चलाई जा रही है।
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना के कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह रहे। दीक्षांत समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय के पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित किया गया। समारोह में 79 पशु चिकित्सा विज्ञान स्नातक, 27 जैव प्रौद्योगिकी स्नातक, 32 परास्नातक तथा चार पीएचडी सहित कुल 142 उपाधियां दी गई। मेधावियों को सम्मानित करने के लिए कुल 14 स्वर्ण पदक, 04 रजत पदक तथा 02 कांस्य पदक कुलाधिपति द्वारा वितरित किए गये। कुल 14 स्वर्ण पदक विजेताओं में नौ छात्राएं तथा पांच छात्र सम्मिलित हैं। स्वर्ण पदक का 64 प्रतिशत प्राप्त करते हुए छात्राओं ने महिला सशक्तिकरण की मिशाल पेश की है। समारोह के दौरान विश्वविद्यालय का सर्वश्रेष्ठ विभाग, सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार तथा दो परास्नातक एवं दो पीएचडी सर्वश्रेष्ठ थीसिस सम्मान भी प्रदान किया गया। कार्यक्रम में कुलपति प्रो। (डा) अनिल कुमार श्रीवास्तव, विधायक मांट राजेश चौधरी, विधायक बल्देव पूरन प्रकाश, जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय, मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना, मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एसबी सिंह आदि मौजूद रहे।