इस मामले की अब अगली सुनवाई 31 जनवरी 2024 को होगी
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वृंदावन के प्रसिद्ध श्री बांके बिहारी मंदिर के चारों ओर कॉरिडोर बनाने की यूपी सरकार की योजना को मंजूरी दे दी है। वही हाईकोर्ट ने मंदिर के बैंक खाते में जमा धन से कॉरिडोर बनाने में उपयोग की अनुमति की स्पष्ट मना कर दी है। सरकार को खुद अपने खर्चे पर ही कॉरिडोर का निर्माण कराना होगा। चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच ने यह फैसला सुनाया है।
हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार अपनी प्रस्तावित योजना के साथ आगे बढ़ते हुए सुनिश्चित करे कि दर्शनार्थियों को दर्शन में कोई बाधा न आए। बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर भी वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर बनाया जाएगा। इस मामले का फैसला हाईकोर्ट ने 8 नवंबर को सुरक्षित रख लिया था।
इस मामले की अब अगली सुनवाई 31 जनवरी 2024 को होगी। दरअसल इस मामले में जनहित याचिका अनंत शर्मा, मधुमंगल दास और अन्य की ओर से दाखिल की गई है। इसकी सुनवाई के दौरान मंदिर के पुजारियों ने कॉरिडोर निर्माण को गैर जरूरी बताया था और चढ़ावे और चंदे की रकम देने से इन्कार कर दिया था। कोर्ट ने सरकार को कॉरिडोर बनाने में बाधा बने अतिक्रमण को हटाने की भी अनुमति दे दी है।
हाईकोर्ट ने कॉरिडोर के निर्माण में मंदिर के बैंक खाते में जमा रुपये को खर्च करने की अनुमति नहीं दी। दरअसल गुसाईयो ने कॉरिडोर को गैर जरूरी बताते हुए चढ़ावा और चंदे की रकम को देने से इन्कार कर दिया था।
ज्ञात रहे कि बिहारी जी मंदिर के बैंक खाते में करीब 262 करोड़ रु जमा है कोर्ट ने इस धनराशि को छूने से मना कर दिया है जबकि राज्य सरकार की मंशा थी कि जमा धनराशि से कॉरिडोर का निर्माण किया जाए उस पर पानी फिर गया।