मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विद्यार्थियों को सफलता का मंत्र देते हुए उनसे अच्छे इंसान बनने का आह्वान किया। उन्होंने सोमवार को कहा “अच्छे इंसान बनें। परेशानियां कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगी। समाज ने जो आपको दिया है, उसे लौटाना होगा। देश हित में काम करें। आपकी सफलता इस पर निर्भर नहीं करती है कि आपका बैकग्राउंड क्या है बल्कि इस पर निर्भर करती है कि उद्देश्य का पाने के लिए कितना प्रयास किया गया।
उन्होंने कहा जब मैंने राजनीति शुरू की तो कभी नहीं सोचा था कि मैं देश का राष्ट्रपति बनूंगा। आप भी अपनी अच्छी मंशा से काम शुरू करें सफलता आपके कदम चूमेगी।
पूर्व राष्ट्रपति ने स्नातक की उपाधिधारकों से कहा सबसे महत्वपूर्ण है कि वे एक अच्छे इंसान बनकर देश और विदेश में नाम रोशन करें तथा अपने देश के हित में अपना योगदान दें। जो भी बनें, अच्छे बनें।
पूर्व राष्ट्रपति कोविन्द ने विशेष रूप से बेटियों को सफलता पर बधाई दी तथा उम्मीद जताई कि वे भविष्य में भी इसी प्रकार कीर्तिमान स्थापित करेंगी। उन्होंने मेधावी उपाधिधारकों को 108 स्वर्ण पदक और कुल 1482 उपााधिधारकों को डिग्रियां प्रदान कीं। समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में मूर्तिकार अरूण योगिराज, मशहूर सन्तूर वादक राहुल शर्मा, साउन्ड आर्टिस्ट सत्या हिन्दुजा, मशहूर कलाकर उदयराज गदनीस, मशहूर टेक्सटाइल एवं फैशन डिजाइनर कृष्णा मेहता, एवं मशहूर लेखक रोशिले पोटकर की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाने में चार चांद लगाए।
समारोह में संस्कृति विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. सचिन गुप्ता ने विश्वविद्यालय की गुणवत्ता शिक्षा और समग्र विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया और फैकल्टी के समर्पण तथा छात्रों की मेहनत और लगन की सराहना की। डॉ. गुप्ता ने उपाधिधारकों कोे समाज में महत्वपूर्ण योगदान देने विश्वविद्यालय में सीखे मूल्यों और नैतिकता को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
पूर्व राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा कि शिक्षा एक कभी खत्म न होने वाली प्रक्रिया। आप सभी डिग्री पाकर अपने नए चरण में प्रवेश करने जा रहे हैं। आपका उद्देश्य राष्ट्रनिर्माण में सहयोग करने का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि शिक्षा के क्षेत्र में हमारी बेटियों की संख्या तेजी से आगे बढ़ रही है। यहां संस्कृति विवि में भी मैं यह देख रहा हूं कि छात्राओं ने छात्रों से बाजी मारी है।
संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आभार व्यक्त करते हुए उनके सरल और विनम्र स्वभाव की प्रशंसा की। डा. गुप्ता ने विद्यार्थियों से कहा कि महत्वपूर्ण यह नहीं हम कहां से आते हैं महत्वपूर्ण यह है कि हम समाज को क्या देते हैं। उन्होंने कहा कि माता-पिता का सीना गर्व से तब चौड़ा हो जाता है जब वे अपने बच्चों के नाम से जाने जाते हैं। जब आप देश-विदेश में जाकर संस्कृति विश्वविद्यालय का नाम रौशन करें तो संस्कृति विश्वविद्यालय भी अपने आप पर गर्व कर सकेगा। विश्वविद्यालय की सोच है कि हमारे विद्यार्थी शिक्षा के क्षेत्र में तो नाम रौशन करें ही साथ ही समाज में एक अच्छे इंसान के रूप में अपनी पहचान बनाएं। दीक्षांत समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और विशिष्ठ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वल से हुआ।
दीक्षांत समारोह के अवसर पर संस्कृति विश्वविद्यालय में स्थापित स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण भी पूर्व राष्ट्रपति द्वारा किया गया । इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति संस्कृति विवि में एक बरगद का पौधा भी लगाया। समारोह के दौरान विभिन्न क्षेत्रों की अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त छह हस्तियों को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मानद् उपाधि प्रदान कीं।