नई दिल्ली । धोखाधड़ी और जालसाजी के मामलों में वांछित और इंटरपोल के रेड नोटिस का सामना कर रहे एक आरोपी को बृहस्पतिवार को कुवैत से प्रत्यर्पित किया गया। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने विदेश मंत्रालय और एनसीबी-कुवैत के साथ मिलकर प्रत्यर्पण का अभियान चलाया था। अधिकारियों ने बताया कि कुवैत पुलिस की सुरक्षा में मुन्नवर खान हैदराबाद हवाई अड्डे पहुंचा, जहां चेन्नई में सीबीआई की विशेष कार्य बल की शाखा ने उसे हिरासत में ले लिया।
सीबीआई की एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘जालसाजी और धोखाधड़ी के एक मामले में मुनव्वर खान सीबीआई का वांछित अपराधी है। सीबीआई की अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई (आईपीसीयू) विदेश मंत्रालय और एनसीबी-कुवैत के सहयोग से 11 सितंबर 2025 को रेड नोटिस के तहत गिरफ्तार मुनव्वर खान को सफलतापूर्वक भारत वापस लायी।’’ उन्होंने कहा कि खान चेन्नई में आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोपों में दर्ज मामलों में सीबीआई द्वारा वांछित था।
उन्होंने कहा, ‘‘खान ने अन्य लोगों के साथ मिलकर बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ धोखाधड़ी की थी। बैंक के साथ धोखाधड़ी करने के तुरंत बाद आरोपी मुनव्वर खान कुवैत भाग गया और उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया।’’ एजेंसी ने इस मामले में सात फ़रवरी 2022 को इंटरपोल के ज़रिए एक रेड नोटिस जारी करवाया। इंटरपोल रेड नोटिस के आधार पर कुवैत के अधिकारियों ने खान को गिरफ़्तार किया और उसे भारत प्रत्यर्पित करने का फ़ैसला लिया गया।
पिछले कुछ वर्षों में इंटरपोल के ज़रिए 130 से ज़्यादा भगोड़ों को विदेश से वापस लाया गया है।