काशी में जहां पहले 50 श्रद्धालु एक साथ दर्शन नहीं कर पाते थे, वहां आज 50 हजार श्रद्धालु एक साथ दर्शन करते हैं
मुख्यमंत्री ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मथुरा-वृंदावन को करीब 646 करोड़ की 118 विकास परियोजनाओं की दी सौगात*
बोले मुख्यमंत्री, मथुरा की पावन माटी और इसके रज-रज में बसे हैं श्रीकृष्ण
दुनिया हमारी आध्यात्मिक विरासत पर शोध के लिए उत्सुक, ये विरासत ही वैश्विक स्थायी शांति और सौहार्द का मार्ग करेगी प्रशस्त
यमुना की निर्मलता और अविरलता के लिए डबल इंजन सरकार प्रतिबद्ध
मथुरा। भगवान श्रीकृष्ण के 5252वें जन्मोत्सव के पावन अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा के डैम्पियर नगर स्थित पांचजन्य सभागार में मथुरा-वृंदावन को करीब 646 करोड़ रुपये की लागत वाली 118 विकास परियोजनाओं की सौगात दी और ब्रज क्षेत्र के समग्र विकास के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की नई कार्ययोजना की घोषणा की। कार्यक्रम में उन्होंने ब्रज के पूज्य साधु-संतों का सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के उद्देश्य को याद करते हुए कहा कि उनका अवतार सज्जनों के संरक्षण और दुष्टों के संहार के लिए हुआ था। उन्होंने युद्धभूमि को धर्मभूमि में बदल दिया। योगी ने कहा श्रीकृष्ण की निष्काम कर्म की प्रेरणा हमें ताकत देती है। जब तक यह प्रेरणा हमारे बीच है कोई हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकता।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पांच हजार वर्षों के पौराणिक इतिहास के हम साक्षी बन रहे हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर देश और दुनिया से भक्त यहां भक्तिमय भाव के साथ एकत्रित हुए हैं। मथुरा की पावन माटी और इसके रज-रज में श्रीकृष्ण बसे हैं। ऐसी भक्ति दुनिया में कहीं और मिलना दुर्लभ है। इस पवित्र भूमि को कोटि-कोटि नमन। सभी को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से उन्हें मथुरा में रंगोत्सव और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी जैसे आयोजनों में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। उन्होंने भारत को आध्यात्मिकता और आधुनिक विकास के संगम के रूप में स्थापित करने की बात कही जिसकी प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलती है। सीएम योगी ने कहा कि पूरी दुनिया भारत की आध्यात्मिक विरासत पर शोध के लिए उत्सुक है। जब भी विश्व को संकट से उबरना होगा भारत की आध्यात्मिक विरासत ही स्थायी शांति और सौहार्द का मार्ग प्रशस्त करेगी।
मुख्यमंत्री ने बृजक्षेत्र के समग्र विकास के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की नई कार्ययोजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह कार्ययोजना मथुरा, वृंदावन, बरसाना और गोकुल जैसे तीर्थ स्थलों को द्वापर युग की स्मृतियों से जोड़ेगी। उन्होंने कहा हमारी सरकार पूज्य संतों की भावनाओं का सम्मान करने और बृजक्षेत्र को संवर्धित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम उन कार्यों को संभव बना रहे हैं, जिन्हें कभी असंभव माना जाता था। उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उदाहरण देते हुए कहा कि 10 साल पहले इनकी कल्पना भी असंभव लगती थी लेकिन आज ये साकार हो चुके हैं। काशी में जहां पहले 50 श्रद्धालु एक साथ दर्शन नहीं कर पाते थे, वहां आज 50 हजार श्रद्धालु एक साथ दर्शन कर सकते हैं। अयोध्या में भव्य राम मंदिर त्रेतायुग की स्मृति को जीवंत कर रहा है। इसी तरह, विंध्यवासिनी धाम में भी भव्य कॉरिडोर का निर्माण पूरा हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने गंगा की निर्मलता और अविरलता का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गंगा आज स्नान और आचमन योग्य हो चुकी है। उन्होंने कहा, “2019 के प्रयागराज कुम्भ में 67 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई थी। उसी तरह, डबल इंजन सरकार यमुना की अविरलता और निर्मलता के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। उन्होंने बरसाना में रोपवे सुविधा का जिक्र करते हुए कहा कि यह बुजुर्गों के लिए बड़ी राहत है। उन्होंने कहा, “विकास का यही लाभ है कि हम श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने मथुरा-वृंदावन के लिए 646 करोड़ रुपये की 118 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इसमें 80 परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया जिनकी लागत करीब 273 करोड़ रुपए है। वहीं 38 परियोजनाओं का शिलान्यास मुख्यमंत्री ने किया, जिनकी लागत करीब 373 करोड़ रुपए है। इन परियोजनाओं में परिक्रमा मार्गों का सौंदर्यीकरण, प्रवेश द्वार, कुंडों का जीर्णोद्धार, श्रद्धालुओं की सुविधा, कनेक्टिविटी, जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने पांचजन्य सभागार में भजन-कीर्तन और श्रीकृष्ण लीलाओं के आयोजन को भक्तिमय माहौल का हिस्सा बताया। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों और संतों के प्रयासों की सराहना की, जिनके सहयोग से बृजक्षेत्र के विकास के प्रस्ताव स्वीकृत हुए। उन्होंने कहा कि सरकार और समाज मिलकर भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए कटिबद्ध हैं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कान्हा और राधारानी के वेश में आए छह बच्चों को अपनी गोद में लिया और उन्हें दुलार किया। सीएम ने बच्चों को अपने हाथों से खीर भी खिलाई, साथ ही उनका अन्नप्राशन संस्कार भी कराया। इससे वहां मौजूद सभी लोग भावुक हो गए। उन्होंने बच्चों के माथे पर तिलक लगाया, मोती की माला पहनाई और उन्हें खिलौने भेंट किए।
मुख्यमंत्री ने परमपूज्य फूलडोल बिहारी लाल हरिशंकर नागा अनंत प्रभु बलराम बाबा सुदीक्ष्ण दास राम देवानंद सनंत कुमार लाडली जी दास अनंताचार्य जी, जयरामदास जी कृष्णा देवी माधवदास लाडली एवं नृत्यदास जी को पुष्पमाला, अंगवस्त्रम, मिष्ठान उपहार देकर सम्मानित किया।
समारोह के दौरान गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा की महिमा पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म का विमोचन एवं अवलोकन किया। इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म को श्रुति अनंदिता वर्मा ने तैयार किया है। मुख्यमंत्री ने श्रुति अनंदिता वर्मा का इस डॅक्यूमेंट्री के लिए सम्मान किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, स्वतंत्र देव सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह, राज्यसभा सांसद तेजवीर सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष किशन चौधरी, महापौर विनोद कुमार अग्रवाल, विधायकगण श्रीकांत शर्मा, राजेश चौधरी, मेघश्याम सिंह, पूरन प्रकाश, एमएलसी ओम प्रकाश सिंह, योगेश नौहवार, उत्तर प्रदेश बृज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग सदस्य भुवन भूषण कमल, बीजेपी जिलाध्यक्ष निर्भय पांडेय, महानगर अध्यक्ष हरिशंकर राजू यादव, क्षेत्रीय महामंत्री नगेंद्र सिकरवार सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद् के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र और कमिश्नर शैलेन्द्र कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री की आगवानी की। जिलाधिकारी सीपी सिंह और उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास् परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने मंच की व्यवस्था संभाली। मुख्यमंत्री का भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की सुंदर प्रतिमा भेंटकर सम्मान किया गया।