– तिरुपति बालाजी और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या सहित वैष्णों देवी मंदिर भी सरकार की इसी व्यवस्था के अधीन, सब जगह सिस्टम फिट
मथुरा। उत्तर प्रदेश सरकार ने वृंदावन स्थित श्रीबाँकेबिहारी मंदिर के बेहतर प्रबंधन के लिए मंदिर ट्रस्ट बना दिया है। देश में अनेक प्रमुख मंदिर सरकार के अधीन ट्रस्ट द्वारा संचालित हो रहे हैँ, जिसमें तिरुपति बालाजी और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या राम मंदिर भी शामिल हैँ। इसके आलावा वैष्णों देवी मंदिर भी सरकार की इसी व्यवस्था के अधीन है। सब स्थानों पर बेहतरीन इंतजामात से आम श्रद्वालु भारी प्रसन्न है।
पिछले दिनों ही उच्चतम न्यायालय ने वृंदावन में श्री बाँकेबिहारी कोरिडोर का रास्ता साफ किया था। कोरिडोर के लिए ठाकुर जी के नाम से जमीन की खरीद के आदेश भी दिए थे। कहा था कि कोरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण में मंदिर के खजाने में जमा 500 करोड़ का उपयोग किया जाए।
उच्चतम न्यायालय के इस आदेश के चंद दिनों बाद राज्य सरकार ने मंदिर ट्रस्ट की अधिसूचना को जारी कर दिया है। मंदिर प्रबंधन को लेकर पिछले कई दशक से सेवायत आपस में लड़ रहे हैँ जिसके चलते न्याययिक जज रिसीवर बने हुए है।
हालांकि देश के अनेक प्रमुख मंदिर राज्य और केंद्र सरकार के अधीन ट्रस्ट द्वारा संचालित हो रहे हैँ। इन मंदिरों का प्रबंधन और संचालन संबंधित सरकारों द्वारा स्थापित ट्रस्टों द्वारा किया जाता है। इसमें तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर (तिरुपति बालाजी) जो आंध्र प्रदेश में स्थित है। इस मंदिर का प्रबंधन तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) नामक एक सरकारी ट्रस्ट द्वारा किया जाता है, जो आंध्र प्रदेश सरकार के अधीन है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (अयोध्या राम मंदिर) अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्थापित ट्रस्ट श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का संचालन करता है।
केरल में श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर , उत्तराखंड मे चार धाम मंदिर, राजस्थान में कई मंदिर देवस्थान विभाग के अधीन हैं जिसमें वृंदावन का जयपुर मंदिर भी शामिल है। मध्य प्रदेश में भी कई मंदिर प्रदेश राज्य के अधीन हैं। ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर, उत्तर प्रदेश में काशी विश्वनाथ मंदिर, संकटमोचन मंदिर, दिल्ली में स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर, जम्मू कश्मीर का वैष्णो देवी मंदिर, अमरनाथ मंदिर, महाराष्ट्र का शनि मंदिर , तेलंगाना का भीमा मंदिर शामिल हैँ।
अब उत्तर प्रदेश सरकार ने वृंदावन में बढ़ती भीड़ और मंदिर की व्यवस्थाओं को ध्यान रखकर मंदिर के प्रबंधन के लिए एक ट्रस्ट बनाया है जिसमें मंदिर के गोस्वामी परंपरा से भी सदस्य शामिल होंगे । ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य मंदिर का संचालन करना, भक्तों की सेवा करना, और मंदिर की संपत्ति की देखभाल करना है।