वृंदावन। गुरुवार को मोहिनी एकादशी पर बड़ी संख्या में श्रद्वालुओ ने परिक्रमा कर पुण्य लाभ कमाया। श्रद्वालुओ को पूरे परिक्रमा मार्ग में लोगों ने शीतल जल शर्बत पिलाया वही फल वितरित भी किये।
परिक्रमा मार्ग पर भक्तर संगठन को चरण श्री आश्रम के महाराज महामंडलेश्वर डीआर सत्यानंद सरस्वती और उनके अनुनाईयो द्वारा प्रसाद स्वरूप केले का वितरण किया। महाराज महामंडलेश्वर डीआर सत्यानंद सरस्वती ने बताया कि एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। यह व्रत करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति को सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। इस दिन दान-पुण्य करना भी बहुत शुभ माना जाता है, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा एकादशी की कथा सुनने से भी पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। एकादशी का नाम मोहिनी इसलिए है क्योंकि भगवान विष्णु ने इसी दिन मोहिनी का रूप लिया था। उन्होंने समुद्र मंथन के समय देवताओं को अमृत पिलाया था। भगवान विष्णु ने इस रूप में मोह और माया पर जीत हासिल की थी। इसलिए यह व्रत हमें मोह-माया से दूर रहने और अपनी आत्मा को शुद्ध करने की राह दिखाता है।
इस अवसर पर सुरेंद्र सिंह यादव मुरली अग्रवाल दीना पंडित हरी शर्मा सिद्वार्थ शुक्ला आदि मौजूद रहे।