पेरिस । प्रीति पाल ने शुक्रवार को यहां महिलाओं की टी35 वर्ग की 100 मीटर स्पर्धा में 14.21 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय से कांस्य पदक जीतकर भारत को पैरालंपिक की ट्रैक स्पर्धा में पहला एथलेटिक्स पदक दिलाया। भारत ने 1984 चरण से एथलेटिक्स में जो भी पदक जीते हैं, वे सभी फील्ड स्पर्धा में मिले। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के किसान की बेटी प्रीति ने पैरालंपिक के दूसरे दिन भारत का एथलेटिक्स पदक का खाता खोला। प्रीति मई में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में इसी स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने के बाद पेरिस आई थी। चीन की झोऊ जिया (13.58) ने स्वर्ण और गुओ कियानकियान (13.74) ने रजत पदक जीता।
प्रीति का यह प्रदर्शन जापान के कोबे में हुई 2024 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप का दोहराव था जिसमें भी चीन की एथलीट जिया और कियानकियान ने क्रमश: स्वर्ण और रजत पदक जीते थे। टी35 वर्गीकरण उन खिलाड़ियों के लिए है जिनमें समन्वय संबंधी विकार जैसे हाइपरटोनिया, अटैक्सिया और एथेटोसिस तथा मस्तिष्क पक्षाघात आदि शामिल होते हैं।
मनीष नरवाल ने पुरूषों की 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएच 1) स्पर्धा में रजत पदक जीता। 22 वर्ष के नरवाल ने तोक्यो पैरालम्पिक में मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच 1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। वह कुछ समय तक आगे चल रहे थे लेकिन कुछ खराब शॉट के कारण वह दक्षिण कोरिया के जो जियोंगडू से पिछड़ गए। भारत के निशानेबाज शिवा नरवाल के बड़े भाई मनीष ने 234.9 स्कोर किया जबकि जियोंगडू ने 237.4 स्कोर करके स्वर्ण पदक जीता। नरवाल क्वालीफिकेशन दौर में 565 स्कोर करके पांचवें स्थान पर रहे थे। फरीदाबाद के रहने वाले नरवाल ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में कई पदक जीते हैं।