मैड्रिड । अमेरिका के सुपर एडवांस्ड एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट को लेकर यूरोप का भरोसा डगमगा रहा है। बढ़ती लागत, सॉफ्टवेयर देरी और लगातार हो रही तकनीकी गड़बड़ियों के बीच स्पेन ने अमेरिकी एफ-35 का ऑफर ठुकरा दिया है। अब खबर है कि यूरोप का यह अहम देश तुर्की के तेज और ताकतवर खॉन फाइटर जेट को खरीदने पर विचार कर रहा है। यह कदम न केवल यूरोप की रक्षा रणनीति को नया मोड़ देगा बल्कि अमेरिका के वर्चस्व पर सीधा झटका होगा।
स्पेन ने यह फैसला ऐसे वक्त लिया है जब कई अन्य देश कनाडा, पुर्तगाल और स्विट्ज़रलैंड भी एफ-35 प्रोग्राम से दूरी बना रहे हैं। वजह बढ़ते खर्चे, लगातार सॉफ्टवेयर फेलियर और अमेरिकी नियंत्रण को लेकर उठे सवाल। दरअसल, अमेरिका पर आरोप है कि एफ-35 का सोर्स कोड वह खुद तक सीमित रखता है। इससे यह जेट इस्तेमाल करने वाले देशों की डिजिटल निर्भरता उसी पर बनी रहती है। अब यूरोप ने “रेअर्म यूरोप प्रोग्राम” के तहत अमेरिका पर अपनी रक्षा निर्भरता घटाने का फैसला किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्पेन ने अपने 2023 के रक्षा बजट में 6.25 बिलियन यूरो यानी करीब 7.24 अरब डॉलर के नए फाइटर जेट्स के लिए रखे थे। शुरुआत में माना जा रहा था कि स्पेन यूरोप फाइटर ताइफॉन या फिर फ्यूजर कॉमबेट एयर सिस्टम में से किसी एक को चुनेगा, लेकिन अब स्पेनिश बिज़नेस डेली “ईआई इक्नोमिस्ता” के मुताबिक मैड्रिड सरकार तुर्की के खॉन फाइटर जेट को खरीदने पर विचार कर रही है जो 2030 के शुरुआती दशक में सेवा में आने की उम्मीद है।
ब्रिटिश मीडिया ने रिपोर्ट किया है कि एफसीएएस “पूरी तरह ध्वस्त” भी हो सकता है। इस बीच स्पेन को अगले दशक में अपने पुराने एफ-18 और एफ-5 विमानों को बदलने की जरूरत है। ऐसे में तुर्की का खॉन फाइटर जेट एक व्यावहारिक और तेजी से उपलब्ध विकल्प बन गया है। स्पेन और तुर्की के बीच रक्षा सहयोग पिछले कुछ सालों में काफी मजबूत हुआ है। दिसंबर 2024 में दोनों देशों ने 24 हुर्जेट एडवांस्ड जेट ट्रेनर विमानों के लिए समझौता किया था। सितंबर 2025 में स्पेन के मंत्रिमंडल ने 45 हुर्जेट विमान खरीदने को मंजूरी दे दी, जिनकी कीमत 3.68 अरब यूरो बताई जा रही है। अब खॉन की संभावित डील इस रिश्ते को और आगे बढ़ाएगी।
तुर्की का खॉन फाइटर जेट फरवरी 2024 में अपनी पहली उड़ान भर चुका है। इसे टर्किश ऐरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने तैयार किया है। तुर्की ने घोषणा की है कि 2028 तक 20 ऐसे विमान उसकी वायुसेना में शामिल हो जाएंगे। खॉन को “पांचवीं पीढ़ी” का जेट माना जाता है, जिसमें स्टील्थ डिजाइन, एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड कॉम्बैट क्षमता, और हाई-स्पीड एवियोनिक्स सिस्टम शामिल हैं। कंपनी के सीईओ ने मई 2024 में दावा किया था, “खॉन, एफ-35 से बेहतर विमान है। इंडोनेशिया पहले ही 48 खॉन जेट्स खरीदने का समझौता तुर्की से कर चुका है, जिसकी डिलीवरी 10 साल में पूरी होगी। वहीं, अज़रबैजान, पाकिस्तान, सऊदी अरब और यूएई भी इसमें दिलचस्पी दिखा चुके हैं। अगर स्पेन यह डील साइन करता है, तो वह खॉन का दूसरा अंतरराष्ट्रीय ग्राहक बन जाएगा जो तुर्की की रक्षा क्षमता के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।

















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