लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद श्री बिहारी जी मंदिर कॉरिडोर वृंदावन के श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास 2025 अध्यादेश को आज उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन द्वारा अधिसूचित कर दिया गया है। राज्यपाल द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास ट्रस्ट में 18 सदस्य होंगे जिसमें जिलाधिकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नगर आयुक्त उत्तर प्रदेश बृज तीर्थ विकास परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी उत्तर प्रदेश धर्मार्थ विभाग के एक अधिकारी, बिहारी जी मंदिर ट्रस्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सहित 11 साधु संत और दो सेवायत शामिल रहेंगे।
सूत्रों को कहना है कि आजकल में योगी सरकार श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास के सीईओ पद पर किसी वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति कर सकती है। अधिसूचना के अनुसार बोर्ड में दो प्रकार के सदस्य होंगे। पदेन सदस्य के रूप में 7 अधिकारी होंगे तो वहीं 11 अन्य सदस्य प्रतिष्ठित व्यक्ति जिन में संत मुनि गुरु विद्वान मठाधीश महंत आचार्य स्वामी तथा शिक्षा विद उद्यमी समाजसेवी एवं श्री हरिदास जी के वंशज में एक राजभोग दूसरा शयन भोग सेवायत शामिल रहेंगे। सदस्य का कार्यकाल 3 वर्ष रहेगा और कोई भी सदस्य दो बार से अधिक नियुक्त नहीं किया जा सकेगा । सभी सदस्य हिंदू होंगे जो सनातन धर्म को मानने वाले होंगे। न्यास में ऐसा कोई भी ऐसा व्यक्ति सदस्य नहीं बनेगा जिसको कोर्ट द्वारा अपराधी ठहराया गया हो । इसके अलावा मृत्यु त्यागपत्र अथवा अन्य किसी कारण से सदस्य के हटने पर नए सदस्य की नियुक्ति बोर्ड के अन्य सदस्यों द्वारा बहुमत के आधार पर की जाएगी।
सबसे खास बात इस अधिसूचना में यह है कि सरकारी अधिकारी जो साथ सदस्य इस ट्रस्ट में होंगे उनको वोट देने का अधिकार नहीं होगा वह बोर्ड के विचार विर्मश में केवल भाग लेने और राय व्यक्त करने के हकदार रहेंगे। बोर्ड की बैठक तीन माह में एक बार अवश्य होगी।
वही योगी सरकार के बिहारी जी मंदिर कॉरिडोर के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ सेवायत रसिक राज गोस्वामी और देवेंद्र नाथ गोस्वामी की पुनर्याचिका पर 27 मई कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।