दोहा । मुस्लिम देशों ने इजरायल के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है। इजरायली संसद ने वेस्ट बैंक पर कब्जे का विधेयक पारित किया, जिससे ये देश भड़क गए। जॉर्डन, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, तुर्की, जिबूती, सऊदीअरब, ओमान, गाम्बिया, नाइजीरिया, कतर, कुवैत, लीबिया, मलेशिया, मिस्र, फिलिस्तीन, अरब लीग और इस्लामी सहयोग संगठन ने संयुक्त बयान में इसे मनमाना बताया। उन्होंने चेतावनी दी कि वेस्ट बैंक पर कब्जा क्षेत्रीय शांति को खतरे में डालेगा।
इजरायली संसद ने दो विधेयक पारित किए, जो वेस्ट बैंक पर इजरायली कानून लागू करने का रास्ता साफ करते हैं। पहला विधेयक पूरे वेस्ट बैंक पर संप्रभुता थोपता है, दूसरा पूर्वी जेरूसलम के पास माले अदुमिम बस्ती को कवर करता है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की पार्टी ने इसका विरोध किया, लेकिन विपक्षी सांसद इसे पास कराने में सफल रहे। यह कदम 1967 से चले आ रहे फिलिस्तीनी क्षेत्र के कब्जे को वैध बनाने जैसा है। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय कानून इसे अवैध मानते हैं।
मुस्लिम देशों ने कहा कि यह विधेयक अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। 1967 से वेस्ट बैंक और पूर्वी जेरूसलम पर इजरायली कब्जा अवैध है। बस्तियों को अवैध उपनिवेश बताया गया। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश का समर्थन करते हुए कहा गया कि फिलिस्तीनियों को स्वयं निर्णय लेने का अधिकार है। इन देशों ने कहा कि इजरायल की एकतरफा नीतियां क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल रही हैं। तुर्की ने विधेयकों को खारिज किया, कतर ने कड़ी निंदा की। यूएई ने इसे रेड लाइन बताया। पाकिस्तान ने विधेयकों की कड़ी निंदा की।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि ये कदम अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों का उल्लंघन हैं। पाकिस्तान ने 1967 की सीमाओं पर पूर्वी जेरूसलम को राजधानी बनाकर फिलिस्तीनी राज्य का समर्थन दोहराया। हालांकि, पाकिस्तान ने पहले गाजा शांति योजना का स्वागत किया था, लेकिन अब उसका रुख सख्त दिख रहा है। मुस्लिम देशों ने कहा, इजरायल की एकतरफा नीतियां क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल रही हैं! ओआईसी ने कहा, कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र गाजा, वेस्ट बैंक और पूर्वी जेरूसलम एक भौगोलिक इकाई हैं और इजरायल का कोई कानूनी दावा नहीं! तुर्की के विदेश मंत्रालय ने बिलों को जीरो बताया, जबकि कतर ने सबसे कड़े शब्दों में निंदा की! यूएई जो अब्राहम समझौते के तहत इजरायल से जुड़ा है, उसने भी चेतावनी दी कि वेस्ट बैंक का विलय ‘रेड लाइन’ है! इसे पार नहीं करना चाहिए।
वहीं इस्लामाबाद ने इजरायली बिलों की तीखी निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ये अवैध और उकसाने वाले कदम अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्तावों का उल्लंघन हैं। पाकिस्तान ने पूर्वी जेरूसलम को राजधानी मानते हुए फिलिस्तीन के लिए 1967 की सीमाओं पर स्वतंत्र राज्य का समर्थन दोहराया। साथ ही इजरायली सेना को जवाबदेह ठहराने की मांग की। हालांकि यह वही पाकिस्तानी है, जिसने गाजा पीस प्लान का सबसे पहले स्वागत किया था। अब रुख बदले बदले से नजर आ रहे हैं।
















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